सीएम विंडो पर शिकायतों का तांता लगा तो हिसार में मार्केट से अतिक्रमण हटाने की हुई औपचारिक कार्रवाई, अब फिर पड़े सुस्त
सीएम विंडो बंद करवाने के लिए नगर निगम की टीम कुछ दिन नियमित राजगुरु मार्केट पहुंची और बरामदों से अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाइ की। कुछ जगह तहबाजारी टीम ने अतिक्रमण हटाने की औपचारिकताएं की। जिससे कुछ समय के लिए बरामदों में से अतिक्रमण हटा।
जागरण संवाददाता, हिसार : सीएम विंडो पर शिकायतों का तांता लगने लगा है। उधर प्रदेश सरकार भी सीएम विंडो के समाधान तय समय पर करवाने पर बल दे रही है। ऐसे में नगर निगम में राजगुरु मार्केट में अतिक्रमण पर लगी सीएम विंडो ने तहबाजारी टीम को उनका कार्य याद दिला दिया। सीएम विंडो बंद करवाने के लिए नगर निगम की टीम कुछ दिन नियमित राजगुरु मार्केट पहुंची और बरामदों से अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाइ की। कुछ जगह तहबाजारी टीम ने अतिक्रमण हटाने की औपचारिकताएं की। जिससे कुछ समय के लिए बरामदों में से अतिक्रमण हटा। जैसे ही निगम टीम ने सीएम विंडो बंद करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य जुटाए तो उनकी कार्रवाइ फिर धीमी होती चली गई। ऐसे में स्थिति स्पष्ट हो चुकी है कि केवल शिकायतों पर ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइ हो रही है बाकी खानापूर्ति।
एडवोकेट ने जडे आरोप : अतिक्रमण हटाने के नाम पर जनता का पैसा कर रहे बर्बाद
एडवोकेट जितेंद्र आर्य ने आरोप लगाते हुए कहा नगर निगम की तहबाजारी टीम अतिक्रमण हटाने की अपनी जिम्मेदारी को निभाने की बजाए केवल औपचारिकताएं ही कर रही है। कुछ समय के लिए बाजार में दौरा कर अतिक्रमण हटाने की जो औपचारिकताएं हुई वह केवल सीएम विंडो बंद करने के उद्देश्य से की गई। न की बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए। ऐसे में जनता का पैसा तो तहबाजारी टीम के नाम पर बर्बाद किया ही जा रहा है। वहीं बरामदें नियमित न खाली कर जनता का अधिकार भी छिन रहे है।
सालों से अतिक्रमण हटाने का चल रहा खेल
नगर निगम की तहबाजारी सालों से अकेले राजगुरु मार्केट से अतिक्रमण हटाने का खेल खेल रही है। जबकि आज तक स्थाई तौर पर राजगुरु मार्केट से अतिक्रमण नहीं हट पाया है। केवल अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों को रोजगार अवश्य दे दिया लेकिन बरामदों में अतिक्रमण जस का तस है। यहीं नहीं निगम की तहबाजारी टीम में आरोप तक कई बार लग चुके है। एक बार तो नगर निगम की हाउस की बैठक में मेयर ने तहबाजारी टीम का भ्रष्टाचारी सच सामने आने की बात तक कहीं थी लेकिन कार्रवाइ आज तक नहीं हुई।