नौपता की लू से बचा रहे पश्चिमी विक्षोभ, रोहतक में छह साल बाद मई में हुई सबसे अधिक बारिश
रोहतक में गर्मी से इस बार काफी राहत है। नौतप में भी तापमान 40 डिग्री के नीचे रहा। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस साल मई महीने में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अधिक रहा है। इसी कारण मई-जून में इस बार यहां लू नहीं बन पा रही है।
रोहतक [रतन चंदेल]। बरसात के चलते इस बार मई महीने में भीषण गर्मी नहीं रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो छह साल बाद मई में रोहतक में सबसे अधिक बरसात दर्ज की गई है। यहां तक कि इस बार नौतपा में भी रोहतक का अधिकतम तापमान 40 डिग्री से नीचे रहा है। आंकड़े बताते हैं कि मई 2015 में रोहतक में सबसे कम 10 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। जबकि अब मई 2021 में 244 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जोकि 2015 की तुलना में 24 गुणा से भी अधिक है।
उधर, मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस साल मई महीने में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अधिक रहा है। इसी कारण मई-जून में इस बार यहां लू नहीं बन पा रही है। इस बार पूर्वी हवाएं भी ज्यादा चली हैं। जिनसे उमस तो होती रही लेकिन लू नहीं बनी जबकि पश्चिमी हवाओं के अधिक सक्रिय होने से ही लू बनती है। मई में टाक्टे तूफान गुजरात से राजस्थान, दिल्ली, एनसीआर होते हुए उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया था। जिसका बाहरी हिस्सा रोहतक से गुजरा। इसी कारण 19 से 21 मई तक रोहतक में अधिक बारिश हुई। मानसून के अलावा यहां पर पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही बारिश होती है। ज्यादातर पश्चिमी विक्षोभ यहां दिसंबर से मार्च तक आते हैं लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियां अधिक रही हैं। जिसके चलते मई में तापमान बहुत अधिक नहीं रहा है।
11 से 14 जून के बीच फिर बारिश के आसार
वहीं, विशेषज्ञों के पूर्वानुमान के अनुसार जून में भी मौसम में परिवर्तन हो रहा है। आठ से 11 जून तक मौसम शुष्क रहेगा। जबकि 11 से 14 जून के बीच में फिर से पश्चिम विक्षोभ आ सकता है और फिर से बारिश हो सकती है। लेकिन उससे पहले अभी कुछ दिन गर्मी बढ़ेगी।
छह सालों में मई में रोहतक में हुई बारिश के आंकड़े
महीना साल बारिश
मई 2015 10 एमएमम
मई 2016 67 एमएमम
मई 2017 19 एमएमम
मई 2018 34 एमएमम
मई 2019 56 एमएमम
मई 2020 78 एमएमम
मई 2021 244 एमएमम
ये होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाकाें में आने वाले ऐसे तूफान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर व अंध महासागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा के रूप में गिरा देते हैं। ये ज्यादातर सर्दियों के मौसम में यहां आते हैं और इरान, इराक व पाकिस्तान होते हुए उत्तर भारत में आते हैं। इनसे अकसर दिसंबर से मार्च तक उत्तर भारत में अधिक बारिश होती है।
क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ
मौसम विशेषज्ञ नवदीप दहिया ने कहा कि इस साल मई पश्चिमी विक्षोभ अधिक आए हैं। वहीं, टाक्टे तूफान गुजरात से राजस्थान दिल्ली एनसीआर होते हुए यूपी की ओर बढ़ गया था। जिस कारण 19 से 21 मई तक अधिक बारिश हुई। पूर्वानुमान के अनुसार अभी आठ से 11 जून तक रोहतक का मौसम शुष्क रहेगा। लेकिन 11 से 14 जून के आसपास पश्चिम विक्षोभ आ सकता है और फिर से यहां बारिश हो सकती है।