Weather Update Hisar: फरवरी के पहले सप्ताह में हरियाणा से गुजरेगा पश्चिमी विक्षोभ, बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग के अनुसार तीन फरवरी तक मौसम परिवर्तशील रहेगा। पहाड़ों की तरफ से आने वाली उत्तरपश्चिमी शीत हवाएं तापमान में गिरावट लाने का काम करेंगी। पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 4 व 5 फरवरी को मौसम में बदलाव संभावना है।
हिसार, जेएनएन। सर्दी के इस सीजन में हरियाणा में सबसे अधिक पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। अक्सर एक माह में तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, मगर इस बार पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिले हैं। अब फरवरी माह के पहले सप्ताह में भी पश्चिमी विक्षोभ के आने से मौसम में परिवर्तन दिखाई देगा। अभी तक जहां दिन के समय धूप निकलने से अच्छी खासी गर्मी हो रही है तो अब तापमान में कमी आने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो तीन फरवरी तक मौसम परिवर्तशील रहेगा।
पहाड़ों की तरफ से आने वाली उत्तरपश्चिमी शीत हवाएं तापमान में गिरावट लाने का काम करेंगी। पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 4 व 5 फरवरी को मौसम में बदलाव संभावना है। ऐसे में यह मौसम कहीं घूमने के लिए काफी अच्छा है। लोग अपनी छुट्टियां बिताने बाहर भी जा सकते हैं। क्योंकि इस मौसम में धूप और सर्द हवा दोनों का अनुभव मिलेगा।
सिरसा में शून्य पर पहुंचा तापमान, नारनौल में 2.8 डिग्री सेल्सियस तामपान
सिरसा में एक बार फिर से शून्य पर रात्रि तापमान चला गया है। शनिवार की रात्रि सिरसा में रात्रि तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस चला गया है। जनवरी माह में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि सिरसा में रात्रि के तापमान शून्य के तापमान को छुआ हो। इसके साथ ही नारनौल में 2.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इन दोनों शहरों का तापमान पहाड़ों के रात्रि तापमान से भी कम है। हिमाचल प्रदेश के शिमला में 3.2 डिग्री सेल्सियस, कांगड़ा में 2.5 डिग्री सेल्सियस रात्रि तापमान है।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्णकटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्णकटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है।