Weather Update Haryana: हरियाणा में धुंध के साथ अब हाथ-पैर जमाएगी ठंड, उत्तर पश्चिमी चलेगी हवाएं

हरियाणा में 26 दिसंबर तक आसमान साफ रहेगा। इसके साथ ही मौसम खुश्क भी रहेगा। मगर उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से राज्य में रात्रि (न्यूनतम) तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है। इसके साथ ही तापमान में गिरावट व धुंध की संभावना है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 11:51 AM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 11:51 AM (IST)
Weather Update Haryana: हरियाणा में धुंध के साथ अब हाथ-पैर जमाएगी ठंड, उत्तर पश्चिमी चलेगी हवाएं
हरियाणा में अब धुंध के साथ ठंड बहुत बढ़ने वाली है। क्रिसमस पर भी लाेगों को अच्‍छा मौसम मिलेगा

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में धुंध के साथ पारा अगले दो से तीन दिनों में हाथ पैर जमा सकता है। वीरवार को सुबह ही हिसार समेत कई जगहों पर भयंकर धुंध छा गई। धुंध के कारण हिसार में हादसे भी हुए तो वहीं दृश्‍यता बेहद कम रही। मौसम विज्ञानियों ने आगे दो दिनों में पारा एक से तीन डिग्री सेल्सियस के पास रहने की उम्मीद जताई है। पिछले दो दिनों में बढ़े तापमान के बाद वीरवार को रात्रि तापमान एक बार फिर गिर गया है। हिसार में रात्रि तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम रहकर प्रदेश में सबसे कम 3.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। कभी धूप तो कभी धुंध लोगों को मौसम को लेकर असमंजस में डाल रही है। दिन में तापमान बढ़ रहा है और रात्रि तामपन शून्य के करीब जाने की कोशिश में है। ऐसे में किसानों से लेकर आम जनमानस तक को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

आने वाले समय में बढ़ेगी धुंध

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि 26 दिसंबर तक मौसम साफ रहने की संभावना है। इसके साथ ही मौसम खुश्क रहेगा। मगर उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से राज्य में रात्रि (न्यूनतम) तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है। इसके साथ ही तापमान में गिरावट व धुंध की संभावना है।

मौसम को लेकर किसान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

रात्रि तापमान में लगातार हल्की गिरावट होने की संभावना को देखते हुए सब्जियों, छोटे फलदार पौधे, कम तापमान को असहनशीलता वाली फसलों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। विशेषकर सरसों की फसल में बचाव के लिए हल्की सिंचाई करने की जरूरी है। इसके साथ ही रात्रि के समय खेत मे जिस ओर से हवा आ रही हो उस और से घास-फूस से धुआं कर के भूमि व वातावरण का तापमान में बढ़ोत्तरी होने की संभावना बन जाती है।

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