Weather Update: शिमला से ठंडी हिसार की रात, 6.8 डिग्री पहुंचा पारा, जानें मौसम का हाल
हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 22 नवम्बर तक खुश्क बने रहने की संभावना है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 20 नवंबर तक कहीं-कहीं हल्की बादलवाई भी संभावित है।
हिसार, जागरण संवाददाता। प्रदेश में ही नहीं बल्कि हिसार की रात शिमला से भी ठंडी है। हिसार में रात्रि तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से छह डिग्री कम रहा। जबकि शिमला में 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हिसार का रात्रि तापमान लगातार तीन दिनों से सात डिग्री के आसपास बना हुआ है। इसके साथ ही सुबह और देर रात्रि को हल्का कोहरा भी शुरू हो गया है। हिसार के बाद नारनौल और रोहतक में 8.8 व 8.5 डिग्री सेल्सियस रात्रि तापमान दर्ज किया गया। हिसार में तो स्थिति यह है कि देर रात्रि को तापमान गिरने के साथ हवा चलने से और भी सर्दी का अहसास हो रहा है।
मौसम में आएगा बदलाव
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 22 नवम्बर तक खुश्क बने रहने की संभावना है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 20 नवंबर तक कहीं-कहीं हल्की बादलवाई भी संभावित है। इस दौरान राज्य में हल्की गति से पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट भी संभावित है। इस दौरान राज्य में दिन का तापमान सामान्य के आसपास ही बने रहने की संभावना है।
पांच दिनों में यह रही हिसार में तापमान की स्थिति
तारीख- अधिकतम तापमान- न्यूनतम तापमान
13 नवंबर- 29- 9.1
14 नवंबर- 29.4- 10.6
15 नवंबर- 27.2- 8.2
16 नवंबर- 26.8- 7.2
17 नवंबर- 26.4- 7.4
प्रदेश में यह है रात्रि तापमान की स्थिति
हिसार- 6.8
भिवानी- 10
गुरूग्राम- 11.7
कुरुक्षेत्र- 10.7
करनाल- 9.2
नारनौल- 8.5
रोहतक- 8.8
सिरसा- 9.4
नोट- तापमान डिग्री सेल्सियस में है।
दिन और रात को छा रहा है काेहरा
प्रदेश में कई स्थानों पर अल सुबह और देर रात्रि को हल्का कोहरा भी छाने लगा है। मगर हवा चलने के कारण इसका अधिक प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है। कोहरे को लेकर मौसम विज्ञानी बताते हैं कि सर्द ऋतु में पृथ्वी की ऊपरी सतह के तापमान कम होने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं । ये सूक्ष्म बूंदे वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व जो न्यूक्लिआई के रूप में संघनन करने में सहायक होते है उनसे मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं तथा आसपास की ठंडी हवा के सम्पर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। वायुमण्डल में अधिक नमी होने पर यह घने कोहरे का रूप ले लेता है तथा इस स्थिति में दृश्यता एक किलोमीटर से भी काफी कम हो जाती है ।