Weather News Haryana: पहाड़ी क्षेत्रों के बराबर ठंडी हुई हिसार की रातें, अभी और गिरेगा पारा
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में 24 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील मगर खुश्क रहने की संभावना है। रात में ठंड और ज्यादा बढ़ेगी।
हिसार, जेएनएन। हिसार की रात पहाड़ की तर्ज पर ठंडक का एहसास करा रही है। कई पहाड़ी क्षेत्रों में हिसार के न्यूनतम तापमान से अधिक या समान तापमान है। पिछले दिनों जहां 12.6 डिग्री सेल्सियस तक हिसार में रात्रि तापमान पहुंच गया था, अब इसमें बढोत्तरी देखने को मिल रही है। अब न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम रहकर 15.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं अधिकतम तापमान में अधिक परिवर्तन नहीं दिखाई दे रहा है। हिसार में अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में 24 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील मगर खुश्क रहने की संभावना है। हवा में बदलाव -पूर्वी से उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने की संभावना को देखते हुए तापमान में हल्की गिरावट संभावित है।
पिछले दिनों में हिसार का ताापमान
तारीख- अधिकतम- न्यूनतम
13 अक्टूबर- 36.5- 15.6
14 अक्टूबर- 36.1- 16.4
15 अक्टूबर- 35.8- 16.4
16 अक्टूबर- 34.5- 14.4
17 अक्टूृबर- 35.3- 14.7
18 अक्टूबर- 35- 14.2
19 अक्टूबर- 35- 12.7
20 अक्टूबर- 35.2- 12.6
21 अक्टूबर- 35.1- 15.6
22 अक्टूबर- 34.6- 15.7
मौसम आधारित कृषि सलाह
सरसों---
सरसों की बिजाई उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30 , आर एच 406 आदि के प्रमाणित बीजों से करें। बिजाई से पहले 2 ग्राम कारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से अवश्य उपचारित करें।
गेहूं----
गेहूं की बिजाई के लिए अगेती बिजाई वाली उन्नत किस्मों के बीजों का प्रबंध करे व खाली खेतों को अच्छी प्रकार से तैयार करें ताकि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में तापमान अनुकूल होने पर अगेती बिजाई शुरू की जा सके। अगेती बिजाई के लिए यदि अच्छा पानी उपलब्ध हो तो डब्लू एच 1105, एच डी 2967 ,एचडी 3086 व डब्लू एच 711 किस्मों के प्रयोग करें। यदि कम पानी उपलब्ध हो तो अगेती बिजाई के लिए सी 306, डब्लू एच 1080 , डबलू एच 1142 किस्मों के प्रयोग किया जा सकता है।
देसी चना---
देसी चने की बिजार्इ के लिए खेत को अच्छी प्रकार से तैयार करे तथा उन्नत किस्मों के साथ बिजाई शुरू करे। देसी चने की उन्नत किस्मों बारानी व सिंचित क्षेत्रों के लिए एचसी 1 तथा सिंचित क्षेत्रों के लिए एचसी 3 (मोटे दाने वाली किस्म) व एचसी 5 किस्मों का प्रयोग करे। बिजाई से पहले बीज का राइजोबियम के टीके से उपचार करें।इस उपचार से जड़ों में ग्रन्थियां अच्छी बनती हैं।
सब्जियां व फल
मौसम परिवर्तनशील व खुश्क रहने की संभावना देखते हुए सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे की फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करे।
- नरमा कपास की चुनाई सूर्य निकलने के बाद शुरू करे ताकि सुबह ओस के कारण उत्पादन की क्वालिटी पर प्रभाव न पड़े।