Weather Alert: हिसार में अगले दिनों होगा मौसम में बदलाव, बारिश की संभावना, बढ़ने लगेगी ठंड
पराली जलाने के मामले अभी से ही लोगों का दम फुला रहे रहे हैं। पंजाब में शुक्रवार को एक दिन में 826 से भी अधिक स्थानों पर सेटेलाइट ने आग की घटनाओं को चिन्हित की। इसके साथ ही हरियाणा में भी कम पराली नहीं चल रही है।
जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार की रात लगातार ही ठंडी होती जा रही है। यहां लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। एक दिन पहले हिसार में सामान्य से पांच डिग्री कम रहकर रात्रि तापमान 14.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अब बारिश आने की संभावना मौसम विज्ञान विभाग ने जता दी है। अलगे दो से तीन दिनों में बारिश ठंड को बढ़ा सकती है। हालांकि अभी दिन के समय में धूप निकलने से गर्मी को हल्का अहसास भी हो रहा है। तापमान की यह गिरावट पिछले दो दिनों में आई है। हिसार में मौजूदा समय में दिन के समय 34.2 डिग्री सेल्सियस पर तापमान बना हुआ है। इसके साथ ही बारिश आने से किसानों को नुकसान हो सकता है। क्योंकि कई स्थानों पर धान व अन्य फसलों की कटाई का कार्य चल रहा है।
आज रात्रि से बारिश की संभावना
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने एक कम गहरे दबाब के क्षेत्र से हरियाणा राज्य में मौसम में बदलाव 16 अक्टूबर देर रात्रि से संभावित तथा 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच हवा व गरज चमक के हरियाणा में कहीं -कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश संभावित है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी होने की संभावना है।
पराली जलाने के बढ़ रहे मामलों से तैयार हो रही स्माग
पराली जलाने के मामले अभी से ही लोगों का दम फुला रहे रहे हैं। पंजाब में शुक्रवार को एक दिन में 826 से भी अधिक स्थानों पर सेटेलाइट ने आग की घटनाओं को चिन्हित की। इसके साथ ही हरियाणा में भी कम पराली नहीं चल रही है। यहां पर सर्वाधिक 687 स्थानों पर आग की घटनाएं मिली हैं। इतनी बड़ी तादात में पराली जलने से प्रदेश के कई शहरों में स्माग की चपेट में हैं। हिसार में सायं को धुंध की चादर छाई दिखाई दी जिसमें लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आ रही थी।
हरियाणा के विभिन्न जिलों में से सर्वाधिक करनाल में 211 स्थानों पर फसल अवशेषों में आग लगाई गई है। वहीं कुरूक्षेत्र में 124 स्थानों पर आग की घटनाएं सामने आई है। पराली के मामले में इस बार प्रशासन लचर नजर आ रहा है। जिस प्रकार से आग की घटनाओं को काबू करना चाहिए उस प्रकार से धरातल पर कार्रवाई होती नहीं दिखाई दे रही है।