भाटला गांव में पेयजल समस्या से मची त्राहि-त्राहि, ग्रामीणों ने अफसरों को सुनाई खरी-खरी
भाटला गांव में पेयजल किल्लत झेल रहे ग्रामीणों का सब्र का बांध सोमवार को टूट गया।
संवाद सहयोगी, हांसी: भाटला गांव में पेयजल किल्लत झेल रहे ग्रामीणों का सब्र का बांध सोमवार को टूट गया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाओं सहित जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पहुंच गए और नारेबाजी की। आक्रोशित ग्रामीणों ने पेयजल समस्या का समाधान न करने पर अधिकारियों की जमकर क्लास ली। एसडीओ राजेश कुमार ने ग्रामीणों को स्वयं मौके का निरीक्षण करने का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए।
भाटला गांव में लंबे समय से पेयजल किल्लत चल रही है। गांव में पानी पहुंचाने वाले नहर का साइज छोटा होने के कारण से टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता। इस समस्या से ग्रामीण परेशान हैं और हर साल गर्मियों का मौसम शुरु होते ही समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। सरपंच पुनीत बेरवाल की अगुवाई में ग्रामीणों ने सोमवार को जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। महिलाओं ने कहा कि रात के 1 बजे पानी की सप्लाई दी जाती है, अब रात को सोएं की पेयजल आपूर्ति का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि अगर पानी आता भी है तो चंद मिनटों में ही सप्लाई बंद हो जाती है। ऐसे में जलापूर्ति ना होने से जीवन यापन करना मुश्किल हो चुका है। ग्रामीणों के तेवरों को देखते हुए जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ राजेश कुमार पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके तुरंत बाद जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव की नहर का साइज बढ़ाने की प्रक्रिया शुरु कर दी।
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जल्द समाधान करेंगे : भाटला गांव में पेयजल आपूर्ति को लेकर ग्रामीणों की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। विभाग द्वारा इससे पूर्व ही गांव में पानी पहुंचाने वाले नहर में साईफन से समाधान करने के लिए पत्र लिखा गया है। विभाग पेयजल समस्या को लेकर गंभीर है।
- राजेश कुमार, एसडीओ।