Water Crises: फतेहाबाद में साफ पानी को तरसे लोग, करोड़ो का हो रहा है कारोबार, फिर भी नहीं भरे जा रहे सेंपल

फतेहाबाद में साफ पानी को लोग तरस रहे है। इसके लिए सरकार ने दो विभागों की जिम्मेदारी तय की हुई है। लेकिन जब सेंपल भरने की भारी आती है तो दोनों विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 03:24 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 03:24 PM (IST)
Water Crises: फतेहाबाद में साफ पानी को तरसे लोग, करोड़ो का हो रहा है कारोबार, फिर भी नहीं भरे जा रहे सेंपल
फतेहाबाद में साफ पानी को तरस रहे हैं लोग।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। कहते है कि मनुष्य को पेयजल शुद्ध मिले तो बीमार होने का खतरा कम हो जाता है। वैसे भी शरीर में 70 फीसद पानी होता है। ऐसे में पेयजल की गुणवत्ता जरूरी है। आमजन को पानी शुद्ध मिले। इसके लिए सरकार ने दो विभागों की जिम्मेदारी तय की हुई है। लेकिन जब सेंपल भरने की भारी आती है तो दोनों विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते है। ऐसा ही कुछ फतेहाबाद में देखने को मिल रहा है। जिले में आरओ संचालकों का सेंपल न तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी भर रहे न ही स्वास्थ्य विभाग के जुड़े खाद्य एवं  सुरक्षा अधिकारी। दोनों अधिकारी कह रहे है कि वे आरओ संचालकों का सेंपल नहीं भर सकते। इतना ही नहीं दोनों अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे है।

रोजाना 60 से 70 हजार आरओ के कैंपर्स की हो रही है सप्लाई 

यह तब हो रहा है जब जिले में प्रतिदिन 60 से 70 हजार आरओ के कैंपर्स सप्लाई हो रहे हैं। यह प्रति महा ढाई से तीन करोड़ रुपये का कारोबार है। उसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही से नहीं कर रहे। हद तो यह है कि शिकायत देने के बाद भी वे एक दूसरे के पास सेंपलिंग के लिए पत्र भेज देते है। सेंपल भरन की जहमत नहीं उठाते। ऐसे कई मामले सामने आ गए है। जिसमें दोनों विभाग के अधिकारियों ने कभी भी आरओ संचालकों के सेंपल नहीं भरे।

जिले में चल रहे 60 से अधिक आरओ

जिले में प्रतिदिन पानी के कैंपर्स सप्लाई करने के लिए 60 से अधिक आरओ चल रहे है। एक कैंपर की सप्लाई के लिए ये आरओ संचालक 400 रुपये लेते है। ऐसे में हर महीने एक आरओ संचालक का भी लाखों का कारोबार है। फतेहाबाद शहर में भी 15 से अधिक आरओ चल रहे है। इसी तरह टोहाना, रतिया के अलावा कस्बों व बड़े गांवों में भी ये खूब संचालित हो रहे है। रतिया जैसे शहर में नहरी सप्लाई न होने से आरओ के पानी की लोगों की निर्भरता अधिक है।

सभी आरओ से होता है टयूबवेल का पानी सप्लाई

जिले में जो आरओ चल रहे रहे है सभी में सबमर्सिबल टयूबवेल लगे हुए है। उन्हीं ट्यूबवेल से आरओ संचालक पानी का ठंडा करके आगे सप्लाई करते है। कई जगह ट्यूबवेल का पानी मिट्ठा न होने के बाद भी उसकी रासायनिक क्रियाओं के द्वारा उसे पीने योग्य बना दिया जाता है। लेकिन वास्तव में पीने के बाद इस पानी से पेट में आफरा सहित कई प्रकार की दिक्कत हो जाती है। आरओ पानी में कालिफोर्म बैक्टीरिया होने से दांत, हड्डियों, पेट, पाचन तंत्र, चमड़ी रोग, कैंसर, डायरिया और अन्य कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो सकती है। ये बीमारियां मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।

सुविधा के नाम पर पी रहे जहर

आमजन के साथ अधिकारी व कर्मचारी भी आरओ के पानी सही न होने की शिकायत करते है। जिले के सभी कार्यालयों में आरओ पानी की सप्लाई की जाती है। सुविधा के नाम पर आरओ संचालक खूब गड़बड़ी कर रहे है। वहीं कुछ लोगों ने अपने स्तर पर पानी की जांच करवाई तो उसके अंदर क्लोरीन तक की मात्रा कम मिली है। वैसे ट्यूबवेल के अंदर क्लोरीन की मात्रा नहीं होती बल्कि बाद में जनस्वास्थ्य विभाग में पानी में डाल रहा है।

आरओ प्लांट लगाने के लिए ये नियम व मानक जरूरी

- वाटर प्लांट लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

-प्लांट कहां लगा रहे है इसके लिए नगरपरिषद के अधिकारियों से अनुमति लेनी जरूरी है।

-प्लांट के अंदर लैब होनी चाहिए। इस लैब में पानी की नियमित जांच होनी जरूरी है।

-वाटर प्‍लांट में पानी के शुद्धिकरण के सिस्‍टम की समय-समय पर जांच जरूरी है।

- पानी में टीडीएस 1500 होना चाहिए।

- 1 लाख लीटर पानी में 250 ग्राम क्लोरीन होना चाहिए।

- अगर पानी पड़ा है तो उसके अंदर 2 पीटीएम क्लोरीन होनी चाहिए

हम बोतल बंद पानी का सेंपल ले सकते है आरओ का नहीं: पूनिया 

स्वास्थ्य विभाग के जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी हम बोतल बंद पानी का सेंपल ले सकते है आरओ का नहीं। आरओ से सप्लाई होने वाले कैंपर्स के पानी का सेंपल लेने की जिम्मेदारी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की है। ऐसे में उन्हें ही सेंपल लेना चाहिए। यदि फिर भी कोई अधिकारी हमें सेंपल लेने का निर्देश देगा तो हम सेंपल ले लेंगे। वैसे नियमानुसार हम सेंपल नहीं ले सकते। 

सेंपल तो जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ही लेंगे : गर्ग

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता तरुण गर्ग ने बताया कि हमारा विभाग सिर्फ हमारे जलघरों व ट्यूबवेल की नियमित सेंपलिंग करता है। इसके लिए टारगेट फिक्स होते है। आरओ से सप्लाई होने वाले कैंपर्स के पानी का सेंपल सिर्फ जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी ही लेंगे। ये उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर नहीं डालनी चाहिए।

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