बिजली बिल जमा न करने वाले ग्रामीणों ने एक दिन में किया चार लाख का भुगतान

पासा राम धत्तरवाल, उकलाना गांव पाबड़ा में बिजली बिलों को लेकर निगम के अधिकारियों और ग्रामीणों में व

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 06:00 PM (IST)
बिजली बिल जमा न करने वाले ग्रामीणों ने एक दिन में किया चार लाख का भुगतान
बिजली बिल जमा न करने वाले ग्रामीणों ने एक दिन में किया चार लाख का भुगतान

पासा राम धत्तरवाल, उकलाना

गांव पाबड़ा में बिजली बिलों को लेकर निगम के अधिकारियों और ग्रामीणों में विवाद काफी बढ़ गया। इस पर ग्रामीणों ने एलान कर दिया कि वे अब बिजली बिलों का भुगतान नहीं करेंगे। साथ ही यदि गांव के किसी व्यक्ति ने बिल का भुगतान किया तो उसके ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद सरपंच अंशु पाबड़ा और सरपंच प्रतिनिधि राजेश ढिल्लों ने धीरे-धीरे ग्रामीणों को समझाया। उनकी मेहनत रंग लाई और ग्रामीणों ने एक ही दिन में बिजली बिल के चार लाख रुपये का भुगतान दिया। इस पर बिजली निगम के अधिकारियों ने भी ग्रामीणों की हर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।

मंगलवार को ग्राम पंचायत पाबड़ा के सहयोग पर बिजली निगम ने गांव पाबड़ा के पंचग्रामी चबूतरे पर खुला दरबार लगाया। इसमें एसई रजनीश गर्ग, एसडीओ मुकेश रोहिला सहित निगम के कई अधिकारी पहुंचे। सरपंच प्रतिनिधि राजेश ढिल्लो ने बिजली निगम के अधिकारियों के सामने गांव के बिजली उपभोक्ताओं की समस्याएं रखीं और उनका समाधान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर बिजली निगम उनके गांव के लोगों के बिजली बिलों को बिना चार्ज कि भरवाए तो वे बिल भरने के लिए तैयार हैं। इस पर एसई रजनीश गर्ग ने कहा कि सरकार ने सरचार्ज छोड़कर बिल भरवाने की स्कीम शुरू की है। इसके तहत वे अपना बकाया बिल भर सकते हैं। ग्रामीणों ने इसके लिए रजामंदी दी और 70 बिजली उपभोक्ताओं ने मौके पर ही चार लाख रुपये के बिलों का भुगतान कर दिया।

बिल भरने पर था 11 हजार का जुर्माना

सरपंच प्रतिनिधि राजेश ढिल्लो ने बताया कि गत समय में जब बिजली बिल गलत आए तो ग्रामीणों ने एलान कर दिया था कि वे अब बिजली बिलों को नहीं भरेंगे और अगर कोई बिजली उपभोक्ता बिजली बिल भरेगा तो उसके ऊपर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस कारण ग्रामीणों ने बिजली बिल भरना बंद कर दिया था।

सरपंच अंशु पाबड़ा ने किया प्रेरित

सरपंच अंशु पाबड़ा और राजेश ढिल्लो ने बताया कि जब ग्रामीणों ने बिल भरने बंद कर दिए थे तो उन्हें अनेक प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा। बिजली निगम के अधिकारी उनकी समस्या का समय पर समाधान नहीं करते थे। इस पर उन्होंने ग्रामीणों को बिजली बिलों को भरने के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम ये रहा कि ग्रामीणों ने आगे आकर अपने बिल भरने शुरू कर दिए हैं।

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