Hisar News: गांव राजथल में मृतक बाबा को जिंदा देखकर हैरान हुए ग्रामीण, पुलिस जांच में ऐसे हुआ खुलासा
हिसार के बुढ़ाना रोड पर मोठ माइनर में एक साधु का शव मिला था। पुलिस ने उसकी की पहचान के लिए आसपास के गांव में उसकी फोटो भेज कर पहचान करवाई तो कुछ लोगों ने बताया कि यह साधु गांव राजथल का हो सकता है।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के गांव राजथल में दस दिन पहले एक बाबा के परिजनों ने उसकी शिनाख्त करके उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था और वह सभी रस्में पूरी कर दी गई थी। जसवीर उर्फ भूरिया बाबा अब इस दुनिया में नहीं है। अचानक पास ही के गांव में पोखर जोहड़ के मंदिर में जब ग्रामीणों ने उसको जिंदा देखा तो ग्रामीण एकदम सन्न से रह गए। ग्रामीणों को खुशी भी हुई थी बाबा अभी जिंदा है। जैसे ही खबर पुलिस तक पहुंची तो पुलिस में हड़कंप मच गया की जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार हो चुका है वह आखिरकर कौन था अब पुलिस उसकी पहचान करने के लिए अपने घोड़े दौड़ा रही है।
यह था पूरा मामला
10 सितंबर को कस्बे के बुढ़ाना रोड पर मोठ माइनर में एक साधु का शव मिला था। पुलिस ने उसकी की पहचान के लिए आसपास के गांव में उसकी फोटो भेज कर पहचान करवाई तो कुछ लोगों ने बताया कि यह साधु गांव राजथल का हो सकता है। तो पुलिस ने गांव राजथल में साधु के परिजनों को भी मौके पर बुलाया और उसकी शिनाख्त करवाई गई परिजनों ने भी उसको जसवीर उर्फ भूरिया बाबा समझ कर उसकी शिनाख्त कर डाली और शव का पोस्टमार्टम के बाद हांसी नगर पालिका में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दस दिन बाद साधु पास के ही पोखर जोहड़ के मंदिर में जिंदा देखा गया तो पूरे गांव में चर्चा फैल गई की जसवीर उर्फ भूरिया बाबा जिंदा है। परिजन उसके पास पहुंचे और फिर सूचना पुलिस को दी पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर साधु जसवीर भूरिया के बयान दर्ज किए अब पुलिस दोबारा से माइनर में मिले हुए मृतक साधु की पहचान के लिए कार्रवाई करने में जुटी हुई है।
जांच अधिकारी के अनुसार
इस संबंध में थाना प्रभारी उमेद सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया जसवीर उर्फ भूरिया जिंदा है। हमशक्ल होने की वजह से उसके परिजनों ने दूसरे बाबा की शिनाख्त गलतफहमी के कारण कर दी थी। बयान दर्ज कर लिए गए हैं और उसका पता लगाया जा रहा है कि मृतक साधु कौन था।
ग्रामीणों के अनुसार
ग्रामीणों में बाबा के परिजनों ने बताया कि जिस साधु का शव मंदिर में मिला था वह बिल्कुल जसवीर उर्फ भूरिया बाबा के हमशक्ल का था। उसी वजह से उसकी शिनाख्त कर दी गई थी और उसका अंतिम संस्कार भी हिंदू रीति रिवाज के अनुसार कर दिया गया।