Farmers Protest: सतरोल खाप के आह्वान के बाद सरकारी डेयरियों में ग्रामीणों ने नहीं दिया दूध, बढ़ेगी किल्‍लत

सतरोल खाप ने नारनौंद में एक पंचायत करके यह ऐलान किया था कि 1 मार्च से कोई भी किसान सरकारी एजेंसियों को दूध नहीं देगा और कोई देगा तो 100 रुपये प्रति लीटर रेट लेगा। जो किसान इस निर्णय का उल्लंघन करेगा उस पर 11 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 02:09 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 02:09 PM (IST)
Farmers Protest: सतरोल खाप के आह्वान के बाद सरकारी डेयरियों में ग्रामीणों ने नहीं दिया दूध, बढ़ेगी किल्‍लत
किसान आंदोलन के समर्थन में सतरोल खाप ने 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध बेचने का फैसला किया

नारनौंद [सुनील मान] किसान आंदोलन के समर्थन में सतरोल खाप ने ऐलान किया था कि सरकारी एजेंसियों को किसान 100 रुपए किलो दूध देंगे लेकिन किसानों ने खाप के ऐलान से एक कदम और आगे बढ़ाते हुए सरकार की डेयरी को एक बूंद भी दूध कि नहीं दी। उनकी गाड़ियां खाली लौटने पर मजबूर हो गई। किसानों के इस कदम के बाद सभी मिल्क प्लांट में दूध की किल्लत होने वाली है।

सतरोल खाप ने नारनौंद में एक पंचायत करके यह ऐलान किया था कि 1 मार्च से कोई भी किसान सरकारी एजेंसियों को दूध नहीं देगा और अगर कोई देगा तो 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से ही देगा। जो भी किसान इस निर्णय का उल्लंघन करेगा उस पर 11 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। एक मार्च को इसका असर देखने को मिला गांव में सरकारी दूध की जो भी डेयरी थी वह सुनी सुनी सी नजर आई। एक भी किसान उनमें दूध देने के लिए नहीं पहुंचा।

प्लांट की तरफ से गाड़ी भी भेजी गई थी लेकिन गाड़ियां बगैर दूध लिए खाली ही लौट गई। गांव राजथल, भैणी अमीरपुर, सुलचानी इत्यादि अनेक गांव मे सरकार का उपक्रम वीटा प्लांट द्वारा मिल्क सोसायटी बनाई हुई है और प्लांट इन सोसायटीयों के माध्यम से हजारों लीटर दूध की खरीद करता था। इन सोसायटीयों में ग्रामीण अपना दूध बेचकर जाते थे।

न्यू राजथल मिल्क सोसायटी  के सचिव सुरेंद्र मान ने बताया कि सोमवार को कोई भी किसान दूध देने के लिए नहीं पहुंचा। प्लांट की तरफ से जो गाड़ी आई थी वह खाली ही गई है और इसकी सूचना प्लांट के अधिकारियों को भी दे दी गई है।

किसान अशोक बिसला ने बताया कि वह हर रोज 14 किलो दूध सोसाइटी में देकर आता था लेकिन खाप के एलान के बाद सोसाइटी में दूध नहीं दिया और दूध गांव के जरूरतमंद लोगों को दे दिया जाएगा। जब तक सरकार किसानों की मांग पूरी नहीं करेगी तब तक वह सरकारी एजेंसियों को दूध किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।

काफी किसान इन सोसायटीयों में दूध बेचकर ही अपने घर का खर्च चला रहे थे। लेकिन खाप के निर्णय को मानते हुए वह इन डेयरी में दूध नहीं देंगे। अगर किसान अपनी जिद पर अड़े रहे तो मिलक प्लांटों में जल्द ही दूध का गहरा संकट गहरा सकता है और आने वाले दिनों में दूध से बनने वाले सभी प्रोडक्ट महंगे होने के आसार भी बढ़ जाएंगे।

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