सिवानी के गांव ढाणी मिठी को 62 साल बाद मिला पंचायत का दर्जा, ग्रामीणों में खुशी की लहर
सिवानी उपमंडल का सबसे छोटा गांव ढाणी मिठी करीबन 62 साल पहले अस्तित्व में आया था जहां पर एक परिवार ने इसकी बशास्त शुरू की थी लेकिन अब लगातार 62 वर्ष बीत जाने के बाद इस गांव को खुद की ग्राम पंचायत होने का गौरव मिला है
सिवानी मंडी [सुभाष पंवार] सिवानी खंड के गांव ढाणी मिठी को बशारत के बाद 62 साल बीत गई है और 62 साल के बाद भी ग्राम पंचायत का दर्जा मिलने का गौरव प्राप्त हुआ है। उपमंडल के गांव ढाणी मिठी ग्राम पंचायत राजस में शामिल है, लेकिन अब प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल के अथक प्रयासों की बदौलत इस गांव को नई ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया है। गांव ढाणी मिठी को नई पंचायत का दर्जा मिलने के बाद लोगों में अपार उत्साह देखने को मिल रहा है । लोगों ने इसके लिए खास तौर पर प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल का आभार प्रकट किया है ।
जानकारी के अनुसार उपमंडल का सबसे छोटा गांव ढाणी मिठी करीबन 62 साल पहले अस्तित्व में आया था जहां पर एक परिवार ने इसकी बशास्त शुरू की थी लेकिन अब लगातार 62 वर्ष बीत जाने के बाद इस गांव को खुद की ग्राम पंचायत होने का गौरव मिला है, हालांकि काफी लंबे समय से लोग इसे ग्राम पंचायत की गठन करने की मांग करते आ रहे थे, लेकिन जब से प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल कैबिनेट मंत्री वने तभी से उन्होंने इस गांव को नई पंचायत के रूप में देखने का मन बनाया और उन्होंने लोगों से किया अपना वायदा की पूरा किया ।
इस बारे में गांव के युवा समाजसेवी प्रमोद बेनीवाल बताते हैं कि पिछले 2 सालों से वह खास तौर पर इस गांव को नई ग्राम पंचायत का दर्जा दिलवाने का प्रयास कर रहे थे जोकि प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल से मुलाकात की और उनको उनके गांव को नई पंचायत बनाने का निवेदन किया। कृषि मंत्री ने ग्रामीणों की इस बात को तवज्जो देते हुए पंचायत विकास विभाग में गांव की पैरवी करते हुए इस गांव को नई ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने का काम करवाया है । प्रमोद बेनीवाल ने कहा कि वो इसकार्य के लिए कृषि मंत्री का आभार जताते हैं और इसके लिए उनका स्वागत भी गांव में करेंगे ।
क्या बताते हैं गांव के नंबरदार
गांव के नंबरदार लक्ष्मण सिंह बताते हैं कि गांव की बशास्त करीबन 62 साल पहले हुई थी और वह लोग विक्रम संवत 2015 इस गांव में आए थे और इस गांव में रहते ढाणी रामजस जिसकी ग्राम पंचायत में शामिल हुए और उसके बाद अब नई ग्राम पंचायत का दर्जा मिला है जिसको लेकर गांव के लोग काफी खुश है ।
कितने वोट हैं गांव में
गांव में करीबन 450 वोट हैं और जिस में सबसे अधिक कुम्हार जाति के वोट है उसके बाद जाट समुदाय के और कुछ मकान बिश्नोई समाज के हैं । ग्राम पंचायत बनने से लोगों में अपार उत्साह देखने को मिल रहा है
गांव में है दादी गौरी का विशाल मंदिर
इस गांव में दादी गौरी का एक विशाल मंदिर है जिसमें हर साल वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जाता है और हजारों धर्म प्रेमी बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं।