किसान आंदोलन : सामूहिक दुष्‍कर्म का शिकार बनी पीड़िता थी इकलौती संतान, SIT करेगी केस की जांच

आंदोलन में शामिल होने आई पश्चिम बंगाल से जो युवती दरिंदगी का शिकार बनी वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। दोनों के जीवन की वहीं उम्मीद थी। वह पढ़-लिखकर डिजाइनर बन गई थी। उसके पिता ट्रेड यूनियन के एक्टविस्ट रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 02:22 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 02:22 PM (IST)
किसान आंदोलन : सामूहिक दुष्‍कर्म का शिकार बनी पीड़िता थी इकलौती संतान, SIT करेगी केस की जांच
किसान आंदोलन में दुष्‍कर्म का शिकार बनी पश्चिम बंगाल की पीडि़ता की मौत होने से माता-पिता की गोद सूनी हुई

बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पश्चिम बंगाल से जो युवती दरिंदगी का शिकार बनी, वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। दोनों के जीवन की वहीं उम्मीद थी। वह पढ़-लिखकर डिजाइनर बन गई थी। उसके पिता ट्रेड यूनियन के एक्टविस्ट रहे हैं। ऐसे में वह भी घर व काम छोड़कर आंदोलन में शामिल होकर पिता की तरह संघर्षशील बनने की चाहत लेकर यहां आई, मगर दरिंदों में फंस जाएगी, इसकी उसने कल्पना भी न की होगी।

मौत के 10 दिन बाद उसे न्याय मिलने की शुरूआत हुई है। केस दर्ज हुआ है। अब इस मामले की जांच पुलिस की एसआइटी गठित की गई है। इसमें डीएसपी पवन कुमार, शहर थाना प्रभारी, महिला थाना प्रभारी, सीआइए प्रभारी और साइबर सैल इंचार्ज शामिल हैं। केस दर्ज होने के बाद से ही पुलिस की तीन टीमें आरोपितों की तलाश में जुटी हुई हैं।

शनिवार की रात को भी सीआइए की टीम ने आंदोलन से जुड़े कुछ नेताओं के पास दस्तक दी और आरोपितों के ठिकानों के बारे में पूछताछ की। डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इसके साथ ही इस मामले में सभी सुबूत भी एकत्रित किए जा रहे हैं।

आंदोलन बना अपराधियों की शरणस्‍थली

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब अपराधियों की शरण स्थली बनता जा रहा है। दो हत्या, लूट की दो वारदात से जुड़े आरोपित इसी आंदोलन के बीच में थे। अब यहां पर सामूहिक दुष्‍कर्म के आरोप में केस दर्ज हुआ है। अपहरण, साजिश, धमकी, छेड़छाड़ के आरोप भी हैं।

ये हुई हैं घटनाएं :1. 22 फरवरी को आंदोलन में आए तीन युवकों द्वारा पिस्तौल के बल पर शहर के मेन बाजार में ज्वैलर्स शॉप से लूट की कोशिश की गई। उन्हें वहीं पर दबोच लिया गया था। बाद में आरोपितों से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इससे पहले उन्होंने बहादुरगढ़ के पेट्रोल पंप से भी करीब 30 हजार की लूट की थी।

वारदात के बाद वे आंदोलन में आकर सो जाते थे। 2. 25 मार्च को पंजाब के बठिंडा जिले के किसान हाकम सिंह की गला रेतकर हत्या की गई थी। वह आंदोलन में आया था। वारदात के पीछे मृतक किसान की भाभी और उसके प्रेमी का हाथ मिला। दोनों को गिरफ्तार किया गया। हत्या के लिए आंदोलन स्थल को चुना गया। 3. अप्रैल के पहले सप्ताह में पंजाब के बरनाला के किसान गुरप्रीत की शराब के पैसे को लेकर लाठियों से पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसमें रणबीर उर्फ सत्ता पर केस दर्ज किया गया था।

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