ठगी का नया तरीका, रोहतक में शातिर ने फर्म के जीएसटी नंबर से चार कंपनियों से कर डाली खरीदारी

रोहतक में जीएसटी नंबर से ठगी का पहला मामला। सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के जीएसटी नंबर का प्रयोग किया गया। चार कंपनियों से परचेज की गई। पहले ठग छोटी मोटी खरीद की रकम चुकाता रहा। फिर बड़ी उधारी कर फोन बंद कर लिया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 03:47 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 03:47 PM (IST)
ठगी का नया तरीका, रोहतक में शातिर ने फर्म के जीएसटी नंबर से चार कंपनियों से कर डाली खरीदारी
साइबर ठगी के पीड़ित ने जीएसटी काउंसिल व थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

जागरण संवाददाता, रोहतक। रोहतक की एक फर्म के जीएसटी नंबर पर शातिर ने कंपनियों से पांच लाख रुपये का माल खरीद लिया। जब कंपनियों की ओर से देनदारी के फोन आने शुरू हुए तो फाेन बंद कर लिया। उसके बाद कंपनियों ने जीएसटी नंबर से ट्रैक किया तो कस्टमर ही फर्जी निकला। पीड़ित फर्म संचालक ने जीएसटी काउंसिल व शिवाजी कालोनी थाना को शिकायत देकर मामले की जांच के लिए गुहार लगाई है।

रोहतक में इस तरह से ठगी करने का यह पहला मामला है। शहर की एकता कालोनी के रहने वाले अजय कुमार एमके इंटरप्राइजेस नाम से फर्म चलाते हैं। उनकी फर्म सर्विस प्राेवाइड करवाने का काम करती है। कंपनियों को मैन पावर भी उपलब्ध करवाती है। उनकी फर्म के जीएसटी नंबर का प्रयोग करते हुए किसी ने चार अलग-अलग कंपनियों से खरीदारी की। छोटे बिल तो आरोपित चुकाता रहा। लेकिन, बाद में अधिक माल उठाकर अपना फोन बंद कर लिया। कंपनियों ने जीएसटी नंबर के जरिये उनसे संपर्क किया तो उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला। उन्होंने कंपनियों को इस बारे में बताया कि वह तो केवल सर्विस प्रोवाइडर हैं। उनका इस तरह का कोई कार्य नहीं है।

कंपनियों से आ रहे देनदारी के लिए फोन

फर्जीवाड़े का पता चलते ही उन्होंने तुरंत जीएसटी काउंसिल व शिवाजी कालोनी थाना में शिकायत दर्ज करवाई है। अजय कुमार ने बताया कि इस फर्जीवाड़े की वजह से पिछले तीन-चार दिन से परेशान चल रहे हैं। उनके पास देनदारी के लिए फोन आ रहे हैं, जो कि उनकी बनती ही नहीं है।

जीएसटी विभाग से शिकायत मिलने पर करेंगे जांच

शिवाजी कालोनी थाना रोहतक के एसएचओ बलवंत सिंह ने कहा कि जीएसटी नंबर से खरीदारी कर कंपनियों को चूना लगाने का मामला सामने आया है। एमके इंटरप्राइजेस फर्म संचालक ने शिकायत दी है। मामले में शिकायत जीएसटी विभाग की ओर से बनती है। वहां से शिकायत आने पर मामले की जांच की जाएगी।

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