कोरोना के साथ अब सब्जी की मंहगाई की मार, दो से तीन गुना बढ़े दाम, बिगड़ा बजट
कोरोना की मार के साथ अब सब्जी में महंगाई की मार भी परेशान कर रही है। हाल ऐसा है कि अब कई सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। दामों में इतनी तेजी है कि आम आदमी भी चिंता में है कि कौन सी सब्जी खरीदें
हिसार, जेएनएन। कोरोना की मार के साथ अब सब्जी में महंगाई की मार भी परेशान कर रही है। हाल ऐसा है कि अब कई सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। दामों में इतनी तेजी है कि आम आदमी भी चिंता में है कि कौन सी सब्जी खरीदें। सब्जीमंडी में हालात ये हैं कि 200 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक मटर पहुंच गए हैं। जबकि टमाटर 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसी प्रकार दूसरी हरी सब्जियों के भी दाम बढ़ गए हैं। जिसके कारण सब्जी खरीदने के लिए जेब काफी ढीली करनी पड़ रही है। इसका मुख्य कारण सब्जी की आवक में आई गिरावट है।
लॉकडाउन की शुरुआत में जो सब्जियां 5 से 7 रुपये प्रति किलो थीं, वे करीब 4 से 5 गुणा महंगी हो गई हैं। ऐसे में अब सब्जीमंडी में ग्राहकों की संख्या कम हो चुकी है। परिस्थिति तो यह बन गई हैं कि कई लोग तो एक समय ही सब्जी बना रहे हैं। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण सब्जी पर बहुत असर पड़ा। सब्जी विभिन्न कारणों से खराब भी बहुत हुई है। मौजूदा समय में गत माह के मुकाबले रेट में तेजी आई है। सबसे ज्यादा तेजी मटर के रेट में आई है।
मंडी एसोसिएशन के अनुसार मौजूदा दाम
सब्जी थोक रेहड़ी पर दाम (प्रति किलो रेट रुपये में)
मटर 150 200 से 250
टमाटर 45 से 55 50 से 70
घीया 15 से 25 20 से 40
तोरी 20 30
पत्तागोभी 30 35
नींबू 60 80
मूली 30 50 से 60
आलू 25 से 27 35
प्याज 35 40
मिर्च 35 40 से 50
हिमाचल, यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र से हिसार पहुंच रहीं सब्जियां
हिसार में सब्जियां हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से सब्जियां आती हैं। जिसमें मटर, पत्तागोभी हिमाचल प्रदेश के हैं जबकि टमाटर दो प्रकार के हैं, जिसमें नासिक के 45 रुपये प्रति किलो और देसी 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक शहर में बिक रहे हैं। गुजरात का नींबू और आलू आगरा तक का हिसार की सब्जीमंडी में पहुंच रहा है। वहीं घीया और तोरी लोकल ही हैं।
सब्जी खरीद में आई कमी
लॉकडाउन के दौरान घीया 4 रुपये, पत्ता गोभी 5 रुपये, टमाटर 10 रुपये, मटर 30 रुपये तक था, जो अब कई गुणा बढ़ चुका है। यही कारण है कि अब सब्जी खरीद में कमी आ रही है। कई घरेलू महिलाएं दो वक्त सब्जी बनाने के बजाय अब महंगाई को देखते हुए एक वक्त सब्जी बनाकर ही काम चला रहीं है। गृहिणी कांता हुड्डा, डा. बबीता ने कहा कि पहले सभी बोलते थे कि सब्जी खाओ सेहत बनाओ। अब तो कई सब्जी के दाम आसमान छूने से हालात ये हो गए हैं कि सब्जी सूंघकर काम चला लो। इतनी महंगाई में कैसे परिवार के सदस्य स्वस्थ्य रहेंगे, यह विचारणीय मुद्दा है। सरकार और प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
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सब्जी मंडी एसोसिएशनों के प्रधान सुरेश जुनेजा और राजेंद्र सैनी ने कहा कि कई सब्जियों का इस वक्त रेट लॉकडाउन के समय के मुकाबले काफी बढ़ गया है। आवक कम हो गई है। इस मौसम में रेट बढ़ते हैं लेकिन मौजूदा समय में कई सब्जियों के रेट अधिक हैं।