एक-दूसरे के विकास के लिए करें संसाधनों का प्रयोग : प्रो. सचदेवा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को संसाधनों का प्रयोग एक दूसरे के विकास के लिए करना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:50 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:50 PM (IST)
एक-दूसरे के विकास के लिए करें संसाधनों का प्रयोग : प्रो. सचदेवा
एक-दूसरे के विकास के लिए करें संसाधनों का प्रयोग : प्रो. सचदेवा

हिसार (विज्ञप्ति): कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को आपस में एक-दूसरे के विकास के लिए संसाधनों का प्रयोग करना चाहिए। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के लिए एमओयू के तहत आनलाइन एडमिशन मैनेजमेंट साफ्टवेयर तैयार किया है। इससे अन्य विश्वविद्यालयों को भी एक-दूसरे के साथ काम करने की प्रेरणा मिलेगी। प्रो. सोमनाथ सचदेवा इस साफ्टवेयर के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्यातिथि आनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार तथा चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा समारोह के संयोजक तथा विश्वविद्यालय के पीडीयूसीआइसी के निदेशक मुकेश कुमार सह-संयोजक थे। प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इस साफ्टवेयर को यदि बाजार से खरीदा जाता तो यह बहुत महंगा होता। लेकिन गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में उपलब्ध उच्च तकनीक के चलते यह साफ्टवेयर चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा को उपलब्ध हो गया। इससे दोनो ही विश्वविद्यालयों को लाभ होगा। समारोह में आनलाइन उपस्थित प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की पीडीयूसीआइसी की टीम ने अत्यंत कम समय में कुशलता से इस साफ्टवेयर का निर्माण किया। पीडीयूसीआइसी के निदेशक मुकेश कुमार ने 1999 से अब तक की कम्प्यूटर सेंटर की उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह साफ्टवेयर पूरी तरह से उपयोगी एवं सुरक्षित है। प्रोग्रामर कुलदीप सिंह, नवीन सांगवान व नितिन सिंह ने साफ्टवेयर पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन गुरप्रीत कौर ने किया। धन्यवाद संबोधन प्रोग्रामर रामविकास ने प्रस्तुत किया।

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