जज्बा हो तो ऐसा, शादी के 20 साल बाद भी कम न हुआ जुनून, भिवानी में मां-बेटा साथ दे रहे परीक्षा

भिवानी की सुनीता और उनका बेटा नवीन उदाहरण पेश कर रहे हैं। शादी के 20 साल बाद सुनीता ने एलएलबी की पढ़ाई शुरू की। वह एलएलबी सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा देंगी। उनका बेटा नवीन पंचवर्षीय एलएलबी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 09:07 PM (IST) Updated:Fri, 13 Aug 2021 07:17 AM (IST)
जज्बा हो तो ऐसा, शादी के 20 साल बाद भी कम न हुआ जुनून, भिवानी में मां-बेटा साथ दे रहे परीक्षा
भिवानी की सुनीता सरोहा और उनका बेटा नवीन।

सुरेश मेहरा, भिवानी। पढ़ाई का जज्बा हो तो ऐसा... भिवानी में मां-बेटा एक साथ एलएलबी की परीक्षा दे रहे हैं। कहा भी सही है, पढ़ने की कोई उम्र नहीं और पढ़ने में कोई शर्म नहीं। शहर की बैंक कालोनी निवासी सुनीता सरोहा ने इसे सार्थक किया है। सुनने में अजीब लगेगा पर यह एकदम सच है।

सुनीता और उनका बेटा नवीन दोनों एक साथ एलएलबी की परीक्षा दे रहे हैं। सही कहा है जुनून हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। शादी के समय सुनीता 12वीं तक पढ़ी थी। शादी के बाद बच्चों के लालन पालन का बोझ आया तो घर गृहस्थी में व्यस्त हो गईं। बच्चे बड़े होने के बाद एक बार फिर उन्होंने पढ़ने की ठानी और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से डिस्टेंस एजकेशन से पिछले वर्ष स्नातक की। इसके बाद एलएलबी में बिट्स महाविद्यालय भिवानी में दाखिला लिया। अब दोनों मां-बेटा एलएलबी की परीक्षा एक साथ दे रहे हैं। 

एलएलबी की परीक्षा 21 अगस्त तक चलेगी

बिट्स ला कालेज के अधिकारियों के अनुसार एलएलबी की परीक्षा 26 जुलाई को शुरू हुई थी और यह 21 अगस्त तक चलेगी। परीक्षा दोनों ही मां बेटा कहते हैं कि उनकी परीक्षा की तैयारी अच्छी है। हम मां बेटा में यह भी होड़ है कि कौन ज्यादा अंक प्राप्त करता है। 

बेटा 12वीं के बाद तो मां स्नातक के बाद कर रही एलएलबी

बेटा नवीन लोहिया 12वीं करने के बाद पांच वर्षीय एलएलबी कोर्स कर रहे हैं तो मां सुनीता सरोहा स्नातक करने के बाद तीन वर्षीय एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। फिलहाल बेटा पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा दे रहा है तो मां दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा दे रही हैं। 

शादी के 20 साल बाद वकालत की राह पर सुनीता

सुनीता बताती हैं कि 29 जून 2000 को उसकी शादी गोलपुरा निवासी सुनील के साथ हुई थी। शादी के बाद गृहस्थी और बच्चों के लालनपालन का बोझ उन पर आ गया। वह चाहती थी कि पढ़ाई जारी रखी जाए लेकिन पारिवारिक बोझ के चलते पढ़ाई ड्राप करनी पड़ी। शादी के 16 साल बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कलां संकाय में स्नातक की पढ़ाई शुरू की और पिछले साल वर्ष 2020 में उसकी स्नातक पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने बिट्स ला कालेज में नियमित रूप से एलएलबी में दाखिला लिया। अब दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा दे रही हूं। 

महिलाओं की आवाज बनना और समाज सेवा मिशन

सुनीता सरोहा कहती हैं कि महिलाओं पर प्रताड़ना के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। महिलाओं की आवाज बनने के लिए उन्होंने एलएलबी करने की ठानी थी। अब इस मिशन में भी कामयाबी जरूरी मिलेगी। वैसे भी वर्षाें से वह समाज सेवा के कार्यों से जुड़ी हैं। यह खुद और पति का मिशन है। इसके लिए हम लगातार काम करते रहते हैं। एलएलबी की डिग्री हो जाएगी तो और महिलाओं के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ सकूंगी। 

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