सिरसा के रोहताश का चिड़िया के प्रति अनोखा प्रेम, घर की दीवार में बना दिये घोंसले, हर वक्त रहती चहचाहट
चिड़िया के प्रति अनोखा प्रेम दिखाते हुए घर की दीवार में रोहताश कुमार ने घोंसले बनाए हुए हैं। इसी के साथ तोता कबूतर व अन्य पक्षियों को भी पाला हुआ है। रोहताश के पक्षी प्रेम के चर्चे अब बाहर भी हो रहे हैं।
सिरसा, जेएनएन। सूर्य की किरण निकालने के साथ ही चिड़ियों व पक्षियों की चहचाहट सुनाई देनी शुरू कर देती है। इसके बाद दिनभर घर में ऐसा माहौल बना रहा है। यह किसी चिड़ियांघर का सीन नहीं। प्रेमनगर निवासी रोहताश कुमार के घर पर ऐसा माहौल प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। चिड़िया के प्रति अनोखा प्रेम दिखाते हुए घर की दीवार में रोहताश कुमार ने घोंसले बनाए हुए हैं। इसी के साथ तोता, कबूतर व अन्य पक्षियों को भी पाला हुआ है। रोहताश के पक्षी प्रेम के चर्चे अब बाहर भी हो रहे हैं। विलुप्त होती चीडि़या प्रजाति को बचाने की उनकी ये मुहिम शायद रंग लाएगी।
दीवारों पर लगाए हैं 30 घोंसले
रोहताश कुमार ने करीब छह साल पहले घायल गौरेया को देखा। इसके बाद उसको घर पर लेकर आया। उसका पानी पिलाने के बाद होश आया। इस पर गौरेया को घर पर रख लिया। इसके बाद चिड़ियों के लिए 30 घोसले बनाए हुए हैं। इसमें सुबह के समय पक्षियों की चहचाहट शुरू हो जाती है। इसी के साथ गर्मी हो या सर्दी पक्षियों के लिए दाना पानी का प्रबंध किया हुआ है।
सफेद चूहे भी पाले हुए हैं
अगर किसी के घर में चूहा दिखाई देता है तो लोग मारने को दौड़ते हैं। रोहताश अपने घर पर सफेद चूहे भी पाले हुए हैं। जो घर पर इधर उधर भागते रहते हैं। रोहताश ने बताया कि चूहे जयपुर से किसी रिश्तेदार से मंगवाए थे। अब यह पक्षियों के साथ साथ परिवार के हिस्से बने हुए हैं।
--- पक्षी प्रेमी रोहताश कुमार ने कहा कि पहले कच्चे मकान होते थे। उनमें चिड़ियां व दूसरे पक्षी घोंसले बना लेते थे। अब पक्षियों की संख्या तेजी से घटी है। पक्षियों के संरक्षण के लिए सभी को आगे आना चाहिए। जिससे पक्षियों को आने वाली पीढ़ी देख सके।