जर्मनी व स्विटजरलैंड की तर्ज पर शुरू होगी अनोखी पहल, भारत में दूर होगी बेरोजगारी

जीजेयू कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने दिल्ली व हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों के साथ किया विदेशी दौरा। विदेशी दौरे के दौरान इंडस्ट्रीज को एजुकेशन से जोडऩे के लिंक पर किया फोकस

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 02:38 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 09:52 AM (IST)
जर्मनी व स्विटजरलैंड की तर्ज पर शुरू होगी अनोखी पहल, भारत में दूर होगी बेरोजगारी
जर्मनी व स्विटजरलैंड की तर्ज पर शुरू होगी अनोखी पहल, भारत में दूर होगी बेरोजगारी

हिसार [सुभाष चंद्र] देशभर के शिक्षण संस्थानों में जर्मनी व स्विटजरलैंड की तर्ज पर एजुकेशन प्रणाली में सुधार किए जाएंगे। साथ ही देश में युवाओं को जल्द से जल्द रोजगारलायक बनाने के लिए विदेशों की तर्ज पर विभिन्न इंडस्ट्रीज को शिक्षण संस्थानों से जोड़ा जाएगा। यह जानकारी हाल ही में जर्मनी व स्विटजरलैंड के सात दिवसीय दौरे से लौटे जीजेयू के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने दी।

उन्होंने दिल्ली व हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों सहित स्किल व हायर एजुकेशन के 19 सदस्यीय दल के साथ 6 से 13 अक्टूबर तक उपरोक्त देशों का दौरा किया। दौरे का उद्देश्य विदेशों की क्वालिटी एजुकेशन सिस्टम को भारत में लागू करवाना है।

विदेशों की इंडस्ट्रीज के ट्रेनिंग सेंटर का किया दौरा

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने उपरोक्त दोनों देशों की विभिन्न इंडस्ट्रीज और विद्यार्थियों के लिए इंडस्ट्रीज द्वारा बनाए गए ट्रेनिंग सेंटर का दौरा कर वहां के एजुकेशन सिस्टम को समझा है। विदेशों में एजुकेशन को इंडस्ट्रीज से कैसे जोड़ा गया है। कैसे विदेशी विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अधिक सक्षम होते हैं। छात्रों को अधिक रोजगार कैसे मिल जाता है। इन सब बातों को वहां दौरा कर जाना गया है। इन दोनों देशों के एजुकेशन सिस्टम को कैसे भारत में लागू किया जा सकता है। भारत में छात्रों को रोजगारपरक बनाने के लिए विद्यार्थियों में स्किल्स को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है। इन सब बातों को आब्जर्व किया गया।

मंथन कर बनाया जाएगा प्रपोजल

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों द्वारा विदेशों के एजुकेशन सिस्टम को भारत में लागू करने के लिए मंथन किया जाएगा। इसके लिए विदेशी एजुकेशन सिस्टम व भारत के एजुकेशन सिस्टम का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। इसमें विदेशों व भारतीयों विद्यार्थियों का स्टडी लेवल व स्किल्स की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल की ओर से प्रपोजल तैयार किया जाएगा, जिसमें विदेशी विद्यार्थियों के 10वीं के बाद ही विभिन्न इंडस्ट्री में जॉब करने की स्किल्स पर मुख्य रूप से मंथन होगा। गौरतलब है कि विदेशों में विद्यार्थियों को डिग्रियां अप्रेंटिस के काफी समय बाद दी जाती है। जबकि भारत में पहले ही डिग्रियां बांट दी जाती हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य विदेशों की इंडस्ट्रीज कैसे डिवलप हो रही है, इंडस्ट्री व एजुकेशन को साथ कैसे जोड़ा गया है, आदि का भी मंथन करेंगे।

---प्रतिनिधिमंडल की ओर से वहां के एजुकेशन सिस्टम व देश के एजुकेशन सिस्टम का मंथन किया जाएगा। सरकार को विदेशी दौर के साथ प्रपोजल रिपोर्ट भेजी जाएगी। एजुकेशन पॉलिसी एजुकेशन सिस्टम को इंडस्ट्री से कैसे लिंक करना है, इस बारे में फोकस किया जाएगा।

- प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, जीजेयू।

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