Unique Initiative: फतेहाबाद स्वास्थ्य विभाग की अनूठी पहल, बच्चों की आंखों की सुरक्षा के लिए विभाग बांटेंगा मुफ्त चश्में
पिछले दो सालों से स्वास्थ्य विभाग की और से स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों की आंखों की जांच नहीं की गई थी। पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों में स्पेशल कैंप लगाये गए। ये कैंप सरकारी स्कूलों में आयोजित हुए।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : पिछले दो सालों से कोरोना संकट चल रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों ने मोबाइल व लेपटाप पर पढ़ाई शुरू कर दी। लेकिन अब यहीं मोबाइल व लेपटाप विद्यार्थियों के लिए परेशानी बनते जा रहे है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो स्कूल में जाने वाला हर विद्यार्थी को चश्में का प्रयोग करना चाहिए। नेत्र रोग विशेषज्ञ भी मान रहे है कि मोबाइल का प्रयोग अधिक करने के कारण आंखें कमजोर हो रही हैं। वहीं टीवी अधिक देखने का कारण भी माना जा रहा है।
पिछले दो सालों से स्वास्थ्य विभाग की और से स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों की आंखों की जांच नहीं की गई थी। पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों में स्पेशल कैंप लगाये गए। ये कैंप सरकारी स्कूलों में आयोजित हुए। जिले के सभी खंडों में 980 विद्यार्थियों की जांच की गई। अधिकतर बच्चों की आंखों में कुछ न कुछ कमी अवश्य मिली। इसके अलावा 150 विद्यार्थी ऐसे मिले जिन्हें तुरंत चश्में की जरूरत है। अगर वो चश्में का प्रयोग नहीं करते है तो भविष्य में देखना भी मुश्किल हो जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग देगा मुफ्ट में चश्में
स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूलों में सर्वे व कैंप आयोजित करने के बाद 150 विद्यार्थियों का चयन किया गया। यह सूची उच्चाधिकारियों को भेजी गई। इनमें से 90 चश्में स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंच चुके है। वहीं 60 चश्में अगले सप्ताह पहुंचने वाले है। 90 चश्मों को बांटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। अब यह टीम स्कूलों में जाकर उस बच्चे को चश्मा दिया जाएगा। पहले केवल स्कूल संचालक को बुलाकर चश्मा दिया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली थी कि जिन बच्चों का चयन होता है उन्हें चश्मा नहीं मिलता है। ऐसे में जिस बच्चे को चश्मा देना है उसकी फोटो भी भेजनी होगी। ऐसे में हर जरूरतमंद बच्चे के पास यह चश्मा पहुंचेगा।
चेकअप कैंप में ये मिली थी दिक्कत
8 से 15 साल के विद्यार्थियों की आंखों में अधिक रही दिक्कत।
अधिकतर बच्चों ने आंखों में पानी बहने की शिकायत रखी।
अधिकतर बच्चों ने दूर की दृष्टि कमजोर होने की शिकायत रखी।
आंखों का चेकअप समय पर न होने कारण आंखें खराब होने का कारण माना गया।
आनलाइन पढ़ाई के दौरान मोबाइल प्रयोग करने का मुख्य कारण रहा।
फतेहाबाद के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा. मेजर सरद तूली के अनुसार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सरकारी स्कूलों में कैंप लगाकर विद्यार्थियों की आंखों की जांच की गई थी। करीब 980 विद्यार्थियों की आंखों की जांच की गई। इनमें से 150 विद्यार्थियों का चयन किया गया जिन्हें तुरंत अवस्था में चश्में की जरूरत है। 90 चश्में पहुंच गए और 60 अगले सप्ताह पहुंच जाएंगे। चश्मों को बांटने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है।