वाट एन आइडिया, गेंदे के फूल से सालाना 15 लाख कमाई, रोहतक के किसान की यूं चमकी किस्मत

रोहतक के किसान राजकुमार ने 15 वर्ष पहले गेंदे की खेती शुरू की थी। पांच से सात एकड़ में गेंदा लगाते हैं। बेहतर नस्ल की पौध लगाने से 50 से 70 रुपये प्रति किलो का दाम मिल जाता है। दिल्ली गाजीपुर मंडी में हाथो-हाथ माल बिक जाता है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:02 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:02 PM (IST)
वाट एन आइडिया, गेंदे के फूल से सालाना 15 लाख कमाई, रोहतक के किसान की यूं चमकी किस्मत
रोहतक के किसान राजकुमार अपने खेत में खड़े गेदें के पौधों के बीच।

ललित शर्मा, कलानौर (रोहतक)। गेंदे के फूल की सिर्फ महक ही अच्छी नहीं होती। भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने में भी मददगार है। बाजार में फसल के अच्छे दाम हैं। राजधानी दिल्ली के आसपास के किसानों के लिए इसकी खेती सोने पर सुहागा है। लाखों की बचत इससे किसान कर सकते हैं। माड़ौदी जाटान गांव के किसान राजकुमार महज महज 12वीं पास हैं। लेकिन, मल्टी नेशनल कंपनी (एमएनसी) के पैकेज जैसी कमाई है। वजह गेंदे के फूल की खेती। 15 लाख रुपये तक सालाना कमा रहे हैं।

38 वर्षीय राजकुमार ने बताया कि करीब 15 वर्ष पहले परंपरागत खेती को छोड़ गेंदे की खेती शुरू की थी। हर वर्ष पांच से सात एकड़ में गेंदे के फूल की खेती करते हैं। बेहतर नस्ल की पौध लगाने से 50 से 70 रुपये प्रति किलो का दाम मिल जाता है। सीजन में 100 से 120 रुपये का रुपये प्रति किलो तक की कीमत होती है। फसल बेचने में समस्या नहीं आती। दिल्ली गाजीपुर मंडी में हाथो-हाथ माल बिक जाता है। वह बताते हैं कि उत्पादन के साथ ही आमदनी शुरू हो जाती है। जबकि, परंपरागत खेती में वर्ष में दो बार रुपये हाथ में आते हैं।

कम लागत, मुनाफा ज्यादा

किसान राजकुमार ने बताया कि गेंदे के फूल की खेती में एक अच्छा पहलू यह है कि लागत मुनाफे से ज्यादा है। दूसरी ओर कम जमीन में ज्यादा फसल हो रही है। ऐसे में कम कृषि भूमि की समस्या भी गेंदे के फूल की खेती करने वाले की चिंता नहीं रहती। परंपरागत खेती छोड़कर कम लागत में सब्जी, फल, फूलों की खेती किसानों की आय चार गुना तक बढ़ा सकती है। बागबानी के क्षेत्र की ओर किसानों को देखना चाहिए।

45 दिन बाद पौधा फूल देना करता है शुरू

कस्बे के उद्यान विकास अधिकारी डा. नितेश भुक्कल ने बताया कि जितना गुथा हुआ फूल होगा, बाजार में उतनी ही ज्यादा मांग होगी। प्लांटेशन के 45 दिन बाद पौधा फूल देना शुरू करता है। इस फूल की खेती सीजन के अनुसार की जाती है। गर्मी के सीजन के लिए जनवरी माह में फूल लगाए जाते हैं। नवरात्र के दिनों में पूजा-पाठ में खूब इस्तेमाल होता है। इसके बाद अप्रैल-मई और सर्दी शुरू होने से पहले अगस्त-सितंबर में फूलों की बिजाई की जाती है।

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