भिवानी के ट्री मैन से मिलिए, बालू के टीलों में लगा दिया ऑक्सीजन का खजाना, हर कोई करता तारीफ
ये हैं भिवानी के ट्री मैन सूरजमल लेघां। प्रतिदिन पौधों की देखभाल करते हैं। बाग में प्रतिदिन काम नहीं कर लेते तब तक चैन नहीं पड़ता। बाग में सोलर पंप भी लगाया है। इससे बिजली की बचत भी होती है। इस बार 30 लाख रुपये कीमत के फल बेचे।
सुरेश मेहरा, भिवानी। ऑक्सीजन का भंडार और विटामिन्स का खजाना देखना है तो आप गांव लेघां चले आइए। सूरजमल लेघां ने 24 एकड़ में ऑक्सीजन से भरपूर और फलदार पौधे लगाए हैं। इनमें मुख्य रूप से लाल माल्टा, मौसमी, नींबू, मीठा नींबू, जामुन, अमरूद के अलावा शीशम, नीम, जांटी, बेरी, सफेदा आदि अनेक पौधे लगाए हैं।
इन पौधों में सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम तैयार किया गया है। इसके माध्यम से पानी की बचत भी की जाती है और सिंचाई भी अच्छे से हो जाती है। खुद सूरजमल भी प्रतिदिन पौधों की देखभाल करते हैं। ट्रैक्टर से स्प्रे करते हैं। पौधों की निराई-गुड़ाई करते हैं। इसके अलावा कटाई आदि का कार्य भी करते हैं।
वह बताते हैं कि महामारी के इस दौर में तो ऑक्सीजन की जरूरत सबसे ज्यादा रही है। इसके अलावा खुद स्वस्थ रखने के लिए विटामिन्स की जरूरत रही है, जिसको ये फलदार पौधे पूरी करते हैं। बाग में प्रतिदिन काम नहीं कर लेते तब तक चैन नहीं पड़ता। अब तो जहां भी जगह मिले चाहे आउट डोर की बात हो चाहे इंडोर, पौधे हर किसी को जरूर लगाने चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए।
बिजली बचत के लिए सोलर पंप भी लगाया
वह बताते हैं कि उन्होंने बाग में सोलर पंप भी लगाया है। इससे बिजली की बचत भी होती है और फसलों की सिंचाई समय पर करने में यह अहम भी साबित हो रहा है।
खेत में एक एकड़ में बनाया है मछली तालाब
खेत में मछली तालाब भी बनाया गया है। बतौर उनके वैसे तो यह तालाब सिंचाई के लिए पानी एकत्रित करने को बनाया गया है। इसमें मछलियां आ जाती हैं उनकी भी देखरेख हो जाती है। मछली बिजनस के उद्देश्य से नहीं पाली गई हैं।
पौधों में देशी खाद का करते हैं प्रयोग
सूरजमल बताते हैं कि पौधों में देशी खाद का प्रयोग किया जाता है। उनके बाग से इस बार 30 लाख रुपये कीमत के फल बेचे गए। दूसरे किसानों को भी चाहिए कि वे फलदार पौधे लगा कर बहुत बढिया फायदा ले सकते हैं। इनके बाग में गेहूं, चना, जौ, मेथी, काला गेहूं, सरसों, ग्वार, बाजरा, तरबूज, घीया आदि की फसल भी आसानी से ले सकते हैं।
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