केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश, बंद होगा डीआरडीए, कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश के अनुसार एक अप्रैल 2022 से देश के सभी जिलों में केंद्र द्वारा प्रायोजित अभिकरण सेवा में नहीं रहेगा। इससे पहले डीआरडीए में नियुक्त कर्मचारियों को दूसरे विभागों में समायोजित करना होगा।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 12:19 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 12:19 PM (IST)
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश, बंद होगा डीआरडीए, कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित
देश के सभी जिलों में एक अप्रैल 2022 से बंद होगा डीआरडीए।

जागरण संवाददाता, सिरसा। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने गांवों में विकास कार्यों को संचालित करने वाली एजेंसी ग्रामीण विकास अभिकरण को बंद करने का निर्णय ले लिया है। एक अप्रैल 2022 से देश के सभी जिलों में केंद्र द्वारा प्रायोजित अभिकरण सेवा में नहीं रहेगा। इससे पहले डीआरडीए में नियुक्त कर्मचारियों को दूसरे विभागों में समायोजित करना होगा। प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों को उनके पैतृक विभाग में भेजने को कहा गया है। डीआरडीए के वे कर्मचारी जो राज्य सरकार के विभाग में समायोजित नहीं हो सकते उन्हें मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना व एनएसएपी आदि कार्यों को संचालित एजेंसियों में लगा दिया जाए। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पत्र में डीआरडीए के खातों को जिला परिषद में स्थानांतरित कर दिए जाने के निर्देश जारी किए हैं।

गांवों के विकास की धुरी रहा डीआरडीए

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 1980 में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण का गठन किया था। इसे एक पेशेवर इकाई बनाया गया और विभिन्न योजनाओं को इसी एजेंसी के माध्यम से ग्रामीण विकास को समर्पित किया गया। केंद्र की योजनाओं को भी ग्राम स्तर तक पहुंचाने के लिए डीआरडीए महत्वपूर्ण एजेंसी रही। सांसद विकास योजना, ग्रामीण आवास योजना, स्वयं सहायता समूह उत्थान से जुड़ी योजना, मनरेगा, हरियाली, जल संरक्षण सहित विभिन्न योजनाएं इसी एजेंसी के माध्यम से संचालित की गई। हालांकि 2013 में भी इस एजेंसी को बंद करने का फैसला लिया गया था लेकिन बाद में इस पत्र को वापस ले लिया गया था। अब फिर से विभाग ने पूर्ण रूप से डीआरडीए को बंद करने का फैसला ले लिया है।

जिला परिषदों में होंगे मर्ज

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशों के देश के सभी जिलों में डीआरडीए बंद हो जाएंगे। इनके फंड और काम को जिला परिषदों में मर्ज किया जाएगा। जिसके बाद से गांव में मनरेगा, PM आवास योजना, सांसद निधि योजनाओं सहित दर्जनभर योजनाएं जिला परिषद के जरिए चलाई जाएंगी।

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