रोहतक PGI में कोविड मरीजों को देखरेख में दी जाएगी टॉसिलीजुमाब और रेमेडेसिविर दवा

पीजीआइ में कोरोना के गंभीर हालत वाले मरीजों पर दोनों दवाओं का प्रयोग किया जाता है। पीजीआइ के मेडिकल सुपरीटेंडेंट ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 04:36 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 04:36 PM (IST)
रोहतक PGI में कोविड मरीजों को देखरेख में दी जाएगी टॉसिलीजुमाब और रेमेडेसिविर दवा
रोहतक PGI में कोविड मरीजों को देखरेख में दी जाएगी टॉसिलीजुमाब और रेमेडेसिविर दवा

रोहतक [पुनीत शर्मा] पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के चिकित्सकों को अब कोविड संक्रमित मरीजों को दो विशेष दवाई देने से पहले मेडिकल सुपरीटेंडेंट से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए एमएस की ओर से कोविड ड्यूटी करने वाले सभी चिकित्सकों को निर्देश जारी किए गए हैं। इन दोनों दवाओं का प्रयोग गंभीर हालत वाले मरीजों पर किया जाता है। बताते चलें कि रेमडेसिविर वैक्सीन काफी महंगी है, वर्तमान में पीजीआइ में करीब 250 वैक्सीन का स्टॉक मरीजों के लिए उपलब्ध है।

दरअसल कोविड के गंभीर हालत वाले मरीजों को टोसिलीजुमाब (एक्टरमा) और रेमेडेसिविर का प्रयोग किया जा रहा है। सामान्यत: टोसिलिजुमाब का प्रयोग (आर्थराइटिस) जोड़ों के दर्द के लिए प्रयोग की जाती है, जबकि रेमेडेसिविर का प्रयोग वायरल इंफेक्शन के लिए किया जाता है। कई देशों में इन दवाओं का कोविड मरीजों पर असर प्रभावात्मक मिलने की स्थिति में इन दवाओं के प्रयोग के लिए एमसीआइ ने मंजूरी दी थी। जिसके बाद पीजीआइएमएस में इन दवाओं का प्रयोग कोविड संक्रमित गंभीर हालत वाले मरीजों पर किया जा रहा है।

टोसिलिजुमाब और रेमेडेसिविर दोनों ही दवाई काफी महंगी हैं। बाजार में टोसिलिजुमाब की 400 एमजी की कीमत करीब 60 हजार रुपये और 100 एमजी रेमेडिसिविर की कीमत करीब चार हजार रुपये है। ऐसे में अब इन दवाओं के बिना वजह प्रयोग और निजी अस्पतालों में इन दवाओं का प्रयोग न हो, इसके लिए मेडिकल सुपरीटेंडेंट ने चिकित्सकों को प्रयोग से पहले अनुमति के लिए आदेश दिए हैं। मामले में जब मेडिकल सुपरीटेंडेंट डा. एमजी वशिष्ठ से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

सेंट्रल स्टोर में करीब 250 वैक्सीन रेमेडेसिविर उपलब्ध

पीजीआइएमएस के चिकित्सकों के मुताबिक वर्तमान में सेंट्रल स्टोर में करीब 250 वैक्सीन रेमेडेसिविर की उपलब्ध हैं। जानकारी के मुताबिक प्रत्येक मरीज को करीब दस डोज दी जाती है। जिसके चलते 25 गंभीर हालत वाले मरीजों के लिए फिलहाल व्यवस्था है। वहीं और वैक्सीन सोमवार तक पहुंचने की संभावना है।

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