फतेहाबाद में पढ़ने वालों की बल्ले-बल्ले, बनाए जाएंगे 26 पुस्तकालय, 7.8 करोड़ रुपये होंगे खर्च
उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया है कि पुस्तकालय बनाने की प्राथमिक सब डिविजन ब्लॉक व महाग्राम के अलावा सीनियर सेकेंडरी स्कूल संस्कृति मॉडल स्कूल अनाथालय बुजुर्ग आश्रम में भी पुस्तकालय बनाया जा सकता है। हालांकि ये कॉमन पुस्तकालय होंगे।
फतेहाबाद, जेएनएन। जीवन में आगे बढ़ने का आधार पुस्तकें है। इन्हें मनुष्य की सच्चा दोस्त भी कहा गया है। लेकिन आजादी के बाद जिस हिसाब से गांव स्तर पर पुस्तकालय खुलने थे। ऐसा नहीं हुआ। फतेहाबाद जिले में सार्वजनिक पुस्तकालय सब डिविजन स्तर पर भी नहीं बने हुए। पूरे जिले में तो एक ही पुस्तकालय बना है। ऐसे में विद्यार्थी को शिक्षा व ज्ञान प्राप्ति के लिए उचित संसाधनों का अभाव रहा है।
अब प्रदेश की मनोहर सरकार ने इसी कमी को दूर करने के लिए उपमंडल, ब्लाक व महा ग्राम स्तर पर पुस्तकालय खोलने के लिए प्रयास शुरू किए है। इसको लेकर गत दिनों उच्चतर शिक्षा के महानिदेशक ने बैठक ली। जिसमें पुस्तकालयों खाेलने को लेकर चर्चा की। अब उच्चतर शिक्षा विभाग के तरफ से सभी जिले के संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
भेजे गए मेमाे नंबर 5/3/2020 में बताया है कि प्रदेश में 611 पुस्तकालय खोले जाएंगे। अकेले फतेहाबाद में 26 पुस्तकालय खोले जाएंगे। जानकारी के लिए बता दे कि फतेहाबाद में फिलहाल एक ही सार्वजनिक पुस्तकालय है जो पुराने बस स्टैंड के पास स्थित बीडीपीओ प्रांगण में स्थित है। इसमें 20 हजार से अधिक किताबें हैं और करीब 400 के करीब सदस्य भी बने हुए हैं।
सबके लिए होंगे पुस्तकालय
उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया है कि पुस्तकालय बनाने की प्राथमिक सब डिविजन, ब्लॉक व महाग्राम के अलावा सीनियर सेकेंडरी स्कूल, संस्कृति मॉडल स्कूल, अनाथालय, बुजुर्ग आश्रम में भी पुस्तकालय बनाया जा सकता है। हालांकि ये कॉमन पुस्तकालय होंगे। यानी जिनमें स्कूल के विद्यार्थी के अलावा दूसरे लोग भी किताब ले सकते है। इसके लिए समय सारणी निर्धारित होगी।
महाग्राम में 10 हजार से अधिक आबादी जरूरी
प्रदेश सरकार ने 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों को महाग्राम का दर्जा दिया है। ये दर्जा इन गांवों में सीवरेज लाइन बिछाने के उद्देश्य से हुआ। फतेहाबाद जिले में 16 गांवों का चयन हुआ। जिनकी आबादी 2011 की जनसंख्या के अनुसार 10 हजार से अधिक थी। बेशक इन गांवों में सीवरेज लाइन का काम शुरू नहीं हुआ था। अब इन गांवों में जिला पुस्तकालय अवश्य बनेगा। इनमें से महाग्राम में शामिल गांव भट्टूकलां, पीलीमंदोरी, खाबड़ा, किरढ़ान, बीघड़, दरियापुर, अहरवां, नागपुर, हांसपुर, हड़ोली, कुलां, धारसूल, समैन, जांडली, बड़ोपल, धांगड़, गोरखपुर व भिरड़ाना शामिल हैं। अब इन गावों में पुस्तकालय बनने की संभावना है
3 लाख रुपये किए निर्धारित
पुस्तकालय बनाने के लिए 3 लाख रुपये निर्धारित किए है। उच्चतर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन रुपयों से जरूरी संसाधन व किताबें खरीदी जाएगी। संसाधनों में टेबल, अलमारी, कुर्सियों व पंखे ही होंगे। हालांकि कमरे या हाल तो पहले बने हुए है। अब उन्हीं में ही ये पुस्तकालय शुरूआत तौर पर शुरू किया जाएगा।
पुस्तकालय बनाने के लिए जल्द कर ली जाएगी जगह चयनित
महानिदेशक पुस्तकालय बनाने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। प्रदेश में 611 पुस्तकालय बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक जिले में ब्लाक स्तर पर लोकेशन का चयन किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी है। जल्द ही जगह चयनित होने के बाद पुस्तकालय बनाने का काम शुरू हो जाएगा। अजीत बालाजी जोशी, महानिदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग।