कोरोना काल में अमरूद की मिठास ने लुभाया किसानों का दिल, झज्‍जर में ढाई गुना ज्‍यादा हो रही खेती

कोरोना काल में अमरूद का बाग लगाने वाले किसानों की संख्या में पिछले वर्ष के मुकाबले ढाई गुना तक बढ़ोतरी हुई है। यहां की मिट्टी अमरूद की खेती के अनुकूल होने का किसान जमकर फायदा उठा रहे हैं। झज्‍जर जिले में सबसे अधिक अमरूद को ही पसंद किया जाता है

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 09:29 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 09:29 AM (IST)
कोरोना काल में अमरूद की मिठास ने लुभाया किसानों का दिल, झज्‍जर में ढाई गुना ज्‍यादा हो रही खेती
कोरोना महामारी के बीच जिले में किसानों का रुझान अमरूद के बाग की तरफ बढ़ा

झज्जर, जेएनएन। कोरोना काल में अमरूद की मिठास ने किसानों के दिल को लुभाया। जिसकी बदौलत अमरूद के लिए प्रसिद्ध झज्जर के किसान अब और अधिक बाग लगाने के लिए अग्रसर हुए। यही कारण रहा कि कोरोना काल में अमरूद का बाग लगाने वाले किसानों की संख्या में पिछले वर्ष के मुकाबले ढाई गुना तक बढ़ोतरी हुई है। यहां की मिट्टी अमरूद की खेती के अनुकूल होने का किसान जमकर फायदा उठा रहे हैं। बागों की बात करें तो जिले में सबसे अधिक अमरूद को ही पसंद किया जाता है।

झज्जर के अमरूद ने दूर-दूर तक अपनी धाक जमाई है। यहां के अमरूद की मिठास लोगों को यहां खींच लाती है। यहां के बागों के अमरूद का स्वाद चखने के बाद हर कोई दीवाना हो जाता है। इसलिए लोग काफी दूर से यहां पर अमरूद खरीदने व खाने के लिए आते हैं। झज्जर के बागों में लगा अमरूद ना केवल मीठा, बल्कि आकार में भी बड़ा रहता है।

किसान भी अमरूद के बाग लगाकर काफी मुनाफा कमा रहे हैं। यही कारण है कि अभी भी किसानों का रुझान अमरूद की तरफ है। इसी की बदौलत कोरोना काल के दौरान 112.5 एकड़ में अमरूद के बाग लगे हैं। वहीं बागवानी विभाग भी किसानों को अमरूद व अन्य फलों के बाग लगाने के लिए अनुदान देता है। जिससे कि किसान आसानी से बाग लगा सके। जिले में वर्ष 2019-2020 के दौरान कुल 50 एकड़ में अमरूद के बाग लगे थे। वहीं वर्ष 2020-2021 की बात करें तो जिले के किसानों ने 112.5 एकड़ में अमरूद के बाग लगाए। अब वर्ष 2021-2022 के दौरान बागवानी विभाग द्वारा 112.5 एकड़ में अमरूद के बाग लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

बागवानी विभाग भी जिले के किसानों को बाग लगाने के लिए अनुदान देकर प्रोत्साहित कर रहा है। इसके तहत अमरूद का बाग (6 गुना 6 मीटर) लगाने पर 4600 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाता है और 3 गुना 6 मीटर का बाग लगाने पर 6198 रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि मिलती है। वहीं नींबू प्रजाति (नींब, किन्नू व मौसमी आदि) का बाग लगाने पर 4800 रुपये प्रति एकड़, बेर का बाग लगाने पर 3400 रुपये प्रति एकड़ व आंवला का बाग लगाने पर 6 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है।

वहीं इसके लिए किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद अधिकारी खेतों को दौरा करेंगे। साथ ही बागवानी विभाग गेंदे के फूल की खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। वर्ष 2020-2021 के दौरान जिले में 125 एकड़ में गेंदे का फूल लगाया गया था।

इस बार का लक्ष्य

फल बाग लगाने का एरिया

अमरूद 50 हेक्टेयर (112.5 एकड़)

नींबू प्रजाति 5 हेक्टेयर (12.5 एकड़)

बेर 5 हेक्टेयर (12.5 एकड़)

आंवला 10 हेक्टेयर (25 एकड़)

-वर्ष 2020-2021 के दौरान जिले के किसानों ने 112.5 एकड़ में अमरूद का बाग लगाया है। जबकि वर्ष 2019-2020 के दौरान केवल 50 एकड़ में ही अमरूद का बाग लगा था। किसानों को बागवानी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर किसानों से संपर्क करके उनके समक्ष आने वाली समस्याओं का समाधान किया जाता है। वहीं खेतों में भी टीम निरीक्षण करती है।

डा. रामस्वरूप पूनिया, जिला बागवानी अधिकारी, झज्जर।

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