भर्ती परीक्षा में नकल करके बना टॉपर, 10 दिन बाद सोशल मीडिया ने ऐसे पकड़वाया

पुलिस में एफआइआर दर्ज करवा दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है वहीं अभी परीक्षा को रद नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन अभी असमंजस में है कि परीक्षा को रद किया जाए या नहीं

By Edited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 09:21 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 02:41 PM (IST)
भर्ती परीक्षा में नकल करके बना टॉपर, 10 दिन बाद सोशल मीडिया ने ऐसे पकड़वाया
भर्ती परीक्षा में नकल करके बना टॉपर, 10 दिन बाद सोशल मीडिया ने ऐसे पकड़वाया

हिसार, जेएनएन। लाला लालपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) नॉन टीचिंग की भर्तियां करने में लगातार असफल हो रहा है। अब मैसेंजर की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आया है, वो भी हाईटेक तरीके से। 10 फरवरी को हुई इस परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र की फोटो खिंचकर बाहर भेज दी गई। इसके बाद आरोपित उम्मीदवार गांव डाटा का सुमित कुमार इस परीक्षा में टॉप कर गया। परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र वापस ले लिया जाता है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह प्रश्नपत्र वायरल हो गया। मामले की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को मिली तो उन्होंने इसकी प्राथमिक जांच की।

पुलिस में एफआइआर दर्ज करवा दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं अभी परीक्षा को रद नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन अभी असमंजस में है कि परीक्षा को रद्द किया जाए या नहीं। यह दूसरी बार है जब विश्वविद्यालय की ओर से कार्रवाई जाने वाली भर्ती परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन भी मौन है। कुलसचिव डा. हरिश गुलाटी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी जांच कर रहे हैं, कुछ नहीं कह सकते। कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनशन डा. एसके गुप्ता ने कहा कि इस मामले में मैं कुछ नहीं बोल सकता। ऐसे में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की चुप्पी भी भर्ती परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।

पुलिस को दी शिकायत
पुलिस में लुवास के रजिस्ट्रार डा. हरिश गुलाटी द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार 10 फरवरी 2019 को मैसेंजर के पद के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा शहर के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित एक बड़े स्कूल में बनाए गए सेंटर में एक उम्मीदवार ने किसी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की मदद से फोटो लेकर कॉपी या ची¨टग की है। उसने प्रश्नपत्र की फोटो को सेंटर से बाहर भेज दिया। बाहर अन्य अरोपित लोगों ने वापस सुमित को प्रश्नपत्र के उत्तर भेज दिए।

जिसके कारण सुमित ने इस लिखित परीक्षा में टॉप कर दिया। कुछ दिन बार प्रश्नपत्र के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जबकि इस परीक्षा में सभी उम्मीदवारों से प्रश्नपत्र वापस ले लिए गए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पुलिस को प्रश्नपत्र की फोटो कॉपी भी बतौर सबूत पेश की गई है। सुमित कुमार के प्रश्नपत्र और वायरल फोटोकॉपी पर विभिन्न निशानों व अन्य कोड आदि का मिलान किया गया तो यह स्पष्ट हो पाया कि दोनों एक दूसरे से मेल खा रही है।

दूसरी बार मौन खड़े कर रहा सवाल
विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रश्नपत्र वायरल होने की शिकायत कब मिली, क्या परीक्षा केंद्रों पर जैमर नहीं लगाए गए थे, पहले एक बार परीक्षा रद होने के बाद भी सबक क्यों नहीं लिया गया, परीक्षा के 10 दिन बाद पुलिस में मामला दर्ज क्यों हुआ, परीक्षा करवाने के मुख्य जिम्मेवार परीक्षा नियंत्रक और रजिस्ट्रार मौन क्यूं है, ये ऐसे सवाल हैं जिन पर विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

पिछले वर्ष एजेंसी ने डेटा देने से कर दिया था इंकार
इससे पहले 2018 में लुवास द्वारा नॉन टिंचिंग की 10 कैटेगरी के 59 पदों के लिए प्रवेश परीक्षा करवाई थी, लेकिन जिस एजेंसी को परीक्षा करवाने का ठेका विश्वविद्यालय ने दिया था, उस पर घपले के आरोप लगे। उसके बाद एजेंसी ने विश्वविद्यालय को रिजल्ट की गणना का डेटा देने से ही इंकार कर दिया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एजेंसी की पेमेंट रोक ली, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।

 -- मैं इस मामले में कुछ नहीं बोल सकता। मेरे पास अथोरिटी नहीं है। रजिस्ट्रार साहब से पूछ लो।
- डा. एसके गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक, लुवास

-- कौन सा मामला। अच्छा..उस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। परीक्षा नियंत्रक बता सकते हैं। उनसे पूछ लो।
- डा. हरीश गुलाटी, रजिस्ट्रार, लुवास

--- अभी परीक्षा रद करने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं लिया गया है। जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
- डा. अशोक कुमार, पीआरओ, लुवा

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