बहादुरगढ़ में केएमपी मांडोठी टोल प्लाजा पर फिर लिया जाने लगा शुल्‍क, पुलिस के आगे किसान बेबस

मांडोठी टोल प्लाजा को फिर से शुरू कर दिया और टोल शुल्क लिया जाने लगा है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में टोल शुल्क के लिए तीन लेन शुरू की गई हैं। एसडीएम हितेंद्र कुमार और डीएसपी पवन शर्मा की मौजूदगी में टोल शुल्क वसूलने की प्रक्रिया शुरू की गई।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 04:05 PM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 04:05 PM (IST)
बहादुरगढ़ में केएमपी मांडोठी टोल प्लाजा पर फिर लिया जाने लगा शुल्‍क, पुलिस के आगे किसान बेबस
केएमपी के मांडोठी टोल प्‍लाजा को दोबारा से शुरू करने के दौरान माैजूद पुलिस बस

बहादुरगढ़, जेएनएन। प्रशासन की ओर से केएमपी पर बहादुरगढ़ के पास मांडोठी टोल प्लाजा को फिर से शुरू कर दिया है। यहां पर टोल शुल्क लिया जाने लगा है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में टोल शुल्क के लिए तीन लेन शुरू की गई हैं। एसडीएम हितेंद्र कुमार और डीएसपी पवन शर्मा की मौजूदगी में टोल शुल्क वसूलने की प्रक्रिया शुरू की गई। जैसे ही इसकी सूचना दलाल खाप के लोगों को लगी तो 20-30 की संख्या में लोग यहां पर पहुंचे और टोल को फ्री कराने की मांग की। 

मगर प्रशासन ने उन्हें समझा-बुझाकर भेज दिया। प्रशासन ने कहा कि केएमपी के सभी टोल पर टोल शुल्क लिया जा रहा है। जब दूसरे टोल प्लाजा पर टोल शुल्क फ्री किया जाएगा तब यहां भी फ्री करवा दिया जाएगा। ऐसे में किसान वापस चले गए।  गौरतलब है कि 22 अप्रैल को भारी संख्या में पहुंचे किसानों ने केएमपी के मांडोठी टोल प्लाजा को फ्री करवा दिया था। यहां पर किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे थे  ऐसे में प्रशासन की ओर से दलाल खाप के प्रधान भूप सिंह दलाल, राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी, सुमन हुड्डा समेत 300 से ज्यादा किसानों पर एफआईआर दर्ज कर दी थी।

किसानों ने टोल प्लाजा पर जो धरना दिया था उसे भी अब  प्रशासन ने हटा दिया है और यहां पर टोल शुल्क की वसूली शुरू कर दी है। टोल प्लाजा पर फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए यह बल तैनात किया गया है।

बता दें कि इस टोल प्‍लाजा पर फिर से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से पुलिस का टकराव हो सकता है। क्‍योंकि बीते चार महीनों से हरियाणा का पहला ऐसा टोल प्‍लाजा है जिसे शुरू करवाया गया है। हरियाणा के बाकी किसी टोल प्‍लाजा पर शुल्‍क नहीं लिया जा रहा है। यहां किसानों की कम भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने खदेड़ने का मन बनाया हुआ है।

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