Tokyo Paralympic: पहले कोरोना से जंग जीती फिर मेडल, रोहतक के विनोद कुमार ने डिस्कस थ्रो में जीता ब्रान्ज मेडल

रोहतक के रहने वाले विनोद कुमार ने F52 कैटेगरी में एशियन रिकॉर्ड कायम करते हुए देश को ब्रान्ज मेडल दिलाया। मेडल जीतने के बाद रोहतक के छोटूराम नगर में परिवार ने जीत की खुशी मनाई। पत्नी ने खुशी के आसुंओ के साथ कहा पति की मेहनत रंग लाई।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 08:53 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 08:53 PM (IST)
Tokyo Paralympic: पहले कोरोना से जंग जीती फिर मेडल, रोहतक के विनोद कुमार ने डिस्कस थ्रो में जीता ब्रान्ज मेडल
विनोद ने 19.98 मीटर थ्रो फैंक कर जीता ब्रान्ज मेडल

रोहतक, जागरण संवाददाता। टोक्यो में पैरालिंपिक में भारत ने रविवार को शानदार प्रदर्शन किया। टोक्यो में जारी पैरालिंपिक खेलों में रविवार को भारत ने एक के बाद एक तीन मेडल जीते। रोहतक के रहने वाले विनोद कुमार ने F52 कैटेगरी में एशियन रिकॉर्ड कायम करते हुए देश को ब्रान्ज मेडल दिलाया। कोरोना से लड़ाई जीतने के बाद रोहतक के रहने वाले विनोद कुमार ने टोक्यो में आयोजित पैरा ओलंपिक में डिस्कस थ्रो में ब्रोंज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। जहां उन्होंने ब्रोंज मेडल जीता 19.98 मीटर थ्रो फैंक कर एशियन रिकॉर्ड भी कायम किया। विनोद कुमार की इस जीत पर पत्नी और बहन के खुशी के आंसू निकल आए और उन्होंने कहा अबकी बार ब्रॉन्ज मेडल मिला है, अगले ओलंपिक में विनोद जरूर गोल्ड मेडल लेकर आएगा।

विनोद के मेडल जीतने के बाद परिवार ने बांटी मिठाई

कोविड-19 से हुए थे संक्रमित

पैरा ओलंपिक से पहले विनोद कुमार कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने यह लड़ाई जीती और टोक्यो में आयोजित पैरा ओलंपिक में भाग लेने के लिए पहुंचे। जहां पर उन्होंने आज 19.98 मीटर थ्रो फैंक कर ब्रोंज मेडल हासिल किया है। इनकी खुशी आज रोहतक की छोटू राम कॉलोनी में विनोद कुमार का परिवार मना रहा है। परिवार ने विनोद कुमार की इस जीत पर मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया।

पति ने जीता मेडल तो पत्नी के खुशी से छलके आंसू

विनोद की मेहनत रंग लाई 

पत्नी अनीता व बहन प्रोमिला विनोद की जीत पर अपनी खुशी के आंसू नहीं रोक पाई।  पत्नी अनीता बोली की बहुत खुशी है और इस बार ब्रान्ज मेडल मिला है। अगले ओलंपिक में विनोद जरूर गोल्ड मेडल जीतकर आएगा। बहन प्रोमिला ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए विनोद ने काफी मेहनत की है और पिछले 10 महीने से वह परिवार से बिल्कुल दूर था। परिवार ने काफी दुख झेला है। लेकिन इस जीत के बाद सारे दुख दूर हो गए और वे इसके लिए पूरे देश को बधाई देती है। 

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