Tokyo Paralympic: रामपाल की मां ने कहा हार जीत होती रहती है, अच्छे प्रदर्शन पर खुश हूं, पिता को भी बेटे पर नाज
रामपाल ने अपना मुकाबला शुरू होने से पहले अपने माता-पिता से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया और मुकाबले में प्रतिभागी बने। माता-पिता ने भी रामपाल का हौसला बढ़ाया और कहा कि अच्छा प्रदर्शन करना।
गोपाल कृष्ण, माछरोली। टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक के दौरान रविवार को माछरोली निवासी रामपाल का भी मुकाबला हुआ। मुकाबले को लेकर लोगों में भी काफी जिज्ञासा थी, लोग मेडल की उम्मीद भी लगाए हुए थे। लेकिन अच्छे प्रदर्शन के बाद भी मेडल दिलाने से बाल-बाल चूक गए। बेटे का मुकाबला देख रही मां कमला देवी ने कहा कि हार जीत होती रहती है। मेरे लाल ने अच्छा प्रदर्शन करके दिल खुश कर दिया। मेडल नहीं जीतने का मलाल जरूर रहेगा, लेकिन बेटे ने अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी। चौथा स्थान मिला है, इसकी कोई बात नहीं, सब बाबा की मर्जी है। बेटे ने देश का नाम रोशन के लिए प्रयास किया।
प्रदर्शन से खुश हूं
रामपाल ने अपना मुकाबला शुरू होने से पहले अपने माता-पिता से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया और मुकाबले में प्रतिभागी बने। माता-पिता ने भी रामपाल का हौसला बढ़ाया और कहा कि अच्छा प्रदर्शन करना। जैसे ही मुकाबले का समय नजदीक आया तो परिवार वाले भी टीवी के सामने बैठ गए। ताकि रामपाल का मुकाबला देख पाएं। लेकिन टीवी पर शुरू से मुकाबला नहीं दिखाने का परिवार वालों को मलाल भ रहा। फिर भी जब रामपाल के हाई जंप की जानकार टीवी पर आती परिवार वाले उसे प्रमुखता से देखते। परिवार वालों ने भी रामपाल का मुकाबला पूरे उत्साह के साथ देखा। जब शुरूआत में रामपाल का प्रदर्शन भी बेहतर था। जब उनका मुकाबला टीवी पर नहीं दिखाया जा रहा था तो रामपाल की भतीजी सुहाना ने फोन पर देखकर परिवार वालों से कहा कि काका (रामपाल) आगे चल रहे हैं। जिस पर परिवार वाले भी खुश नजर आए।
रामपाल ने पूरा प्रयास किया
रामपाल के पिता वेदप्रकाश ने कहा कि रामपाल ने पैरालिंपिक के लिए अच्छी तैयारी की हुई थी। अपनी पूरी निष्ठा व लगन से उसने प्रयास किया। पहली बार रामपाल ने जब ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो वेदप्रकाश ने कहा कि शायद रामपाल के पांव में दर्द हो गया होगा। इसलिए अधिक ऊंचाई तक जंप नहीं लगा पाए। उन्होंने कहा कि रामपाल ने अपनी तरफ से अच्छे प्रदर्शन का प्रयास किया है। वेदप्रकाश ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर नाज है। जिसने टोक्यो में पहुंचकर अपना बेहतर प्रदर्शन किया। चाहे मेडल आए या ना आए, लेकिन बिना मेडल के भी रामपाल ने दिल जीत लिया।
वे कभी हार नहीं मानता
रामपाल के भाई रामकेश ने कहा कि रामपाल कभी भी हार नहीं मानता, फिर से कोशिश करेगा। पिछली बार पैरालिंपिक में रामपाल को छठा स्थान मिला था। इस बार रामपाल को चौथा स्थान मिला है। पिछली बार से सुधार हुआ है। अभी भी देश को मेडल दिलाने से दूर है। इसलिए अधिक परिश्रम करेगा। इस बार कोरोना महामारी के कारण अभ्यास के लिए भी काफी कम समय मिल पाया है। रामपाल ने अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया है।