Tokyo Paralympic: टोक्यो पहुंच हिसार के पैरा एथलीटों ने भरा दम, जमकर कर रहे प्रैक्टिस

हिसार से टोक्‍यो पहुंचे एकता भ्याण अरबिंद मलिक और तरुण ढिल्लो तीनों पैरा एथलीट टोक्यो पहुंच चुके हैं। खास बात है कि कुछ समय आराम करने के बाद ही खिलाड़ी अपने मैचों तैयारी में जुट गए हैं। पदक की उम्‍मीद है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 02:23 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 02:23 PM (IST)
Tokyo Paralympic: टोक्यो पहुंच हिसार के पैरा एथलीटों ने भरा दम, जमकर कर रहे प्रैक्टिस
एकता भ्याण, अरबिंद मलिक और तरुण ढिल्लो तीनों पैराएथलीट टोक्यो पहुंच चुके हैं

जागरण संवाददाता, हिसार। टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में मेडल लाने के लिए स्वदेश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी पैरा एथलीट दम भर रहे हैं। अब तक पैरा खिलाड़ी 8 मेडल जीत चुके हैं। इसमें दो हरियाणा से ही हैं। अब हिसार से एकता भ्याण, अरबिंद मलिक और तरुण ढिल्लो तीनों पैराएथलीट टोक्यो पहुंच चुके हैं। खास बात है कि कुछ समय आराम करने के बाद ही खिलाड़ी अपने मैचों तैयारी में जुट गए हैं। खिलाड़ियों ने जागरण से बात करते हुए बताया कि उनकी कड़ी ट्रेनिंग टोक्यो में भी जारी है। यहां उन्हें सुबह व सायं चार-चार घंटे प्रैक्टिस को देने हैं। इसके साथ ही खिलाड़ियों का स्वास्थ्य ठीक रहे इसके लिए भारतीय मेन्यू के अनुसार भोजन मुहैया कराया जा रहा है। प्रैक्टिस के हिसाब से डाइट पहले से ही तय की हुई है। उसका खिलाड़ियों को सख्ती से पालन करना है।

खिलाड़ियों के परिजन दे रहे हैं दम

खिलाड़ियों के साथ गए उनके परिजन उन्हें बल देने का काम कर रहे हैं। पैरा एथलीट एकता भ्याण के पिता बलजीत भ्याण उनके साथ गए हैं। वह बताती हैं कि उनके पिता मार्गदर्शक हैं और खेल के मैदान पर अगर वह बैठे हों तो उनकी शक्ति और भी बढ़ जाती है। उनके माता पिता पहले भी कुछ प्रतियोगिताओं में विदेशों में बेटी के उत्साहवर्धन के लिए जाते रहे हैं। पैरालिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन पर भी एकता ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि यह पैरालिंपिक कुछ खास है सभी का साथ यूंही बना रहे तो हम भी गोल्ड लेकर आएंगे। वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट से ट्रेनिंग के बाद समय निकालकर खिलाड़ियों को बधाई भी दे रही हैं।

अरबिंद का मैच दो सिंतबर को, तेजी की तैयारी

अरबिंद का मैच दो सितंबर को होना है, इसलिए वह तेजी से अपनी तैयारियों में जुटे दिखाई दे रहे हैं। सुबह जल्दी उठते ही प्रैक्टिस शुरू हो जाती है। इसमें उनके साथी मदद करते हैं। स्ट्रेचिंग, डाइट, तनाव को दूर करने के तरीके उनकी अब दिनचर्या में शामिल हो गए हैं। कल ही उनका मैच है उन्होंने बताया कि वह काफी उत्साहित हैं। इस दिन का ही लंबे समय से इंतजार किया था। इसी प्रकार सातरोड कलां निवासी तरुण ढिल्लो के कंधों पर भी कई बड़ी जिम्मेदारियां हैं। वह अपने घर में अकेले कमाने वाले हैं और पिछले कुछ वर्षों से अच्छा प्रदर्शन करने पर भी सरकारी नौकरी नहीं पा सके हैं। वह बताते हैं कि अब टोक्यो पैरालिंपिक से ही काफी आस है। यही कारण है कि वह टोक्यों में भी दूसरों से अधिक मेहनत कर रहे हैं। वह बेडमिंटन के खिलाड़ी हैं।

chat bot
आपका साथी