Tokyo Olympics: टोक्यो रवाना हुए टेनिस स्टार सुमित नागल, ट्वीट कर इस अंदाज में जताई खुशी

ओलिंपिक खेलने के लिए झज्जर के सुमित नागल टोक्यो रवाना हुए। करीब 15 घंटे की उनकी फ्लाइट है। टोक्यो ओलिंपिक में शामिल होने वाले वे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। 16 जुलाई को उनकी टोक्यो ओलिंपिक की टिकट फाइनल हुई थी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 06:59 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 06:59 PM (IST)
Tokyo Olympics: टोक्यो रवाना हुए टेनिस स्टार सुमित नागल, ट्वीट कर इस अंदाज में जताई खुशी
सुमित नागल ने स्वजनों के साथ प्रसन्नता के पल साझा किए। पैतृक गांव में भी खुशी का माहौल है।

अमित पोपली, झज्जर। अच्छी रैकिंग के बूते टोक्यो ओलिंपिक का हिस्सा बनने जा रहे टेनिस प्लेयर सुमित नागल ने दोपहर बाद जर्मनी से अपनी फ्लाइट ली हैं। फ्लाइट लेने से पहले दिन में सुमित ने पिता सुरेश नागल सहित परिवार से बातचीत की है। करीब 15 घंटे की फ्लाइट के बाद वे वहां पहुंचकर कैंप का हिस्सा बनेंगे।

दरअसल, सुमित टेनिस की स्पर्धा में तो भारत का प्रतिनिधित्व काफी लंबे समय से कर रहे हैं। लेकिन, ऐसा मौका पहली दफा आया है जब वे अन्य स्पर्धाओं के खिलाड़ियों के साथ भारतीय कैंप का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जो कि उन्हें सबसे ज्यादा उत्साहित कर रहा है। परिवार के साथ उन्होंने इस विषय को लेकर खासी प्रसन्नता भी व्यक्त की है। ओलिंपिक में जाना तय होने के बाद उन्होंने ट्वीट कर इसकी खुशी भी व्यक्त की।

नो वर्ड केन एक्प्रेस माई एमोशन

टेनिस की स्पर्धा में रोजर फेडरर का मुकाबला कर चुके सुमित नागल की प्रतिभा आज परिचय की मोहताज नहीं हैं। मेंटर महेश भूपति का नाम सुमित के साथ जुड़ने के बाद वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। 16 जुलाई को जब यह तय हुआ कि सुमित टोक्यो के लिए जा रहे हैं, उन्होंने एक ट्वीट करते हुए अपनी प्रसन्नता भी व्यक्त की। जिसमें उन्होंने लिखा कि मौजूदा समय में कोई भी शब्द इस भावना को व्यक्त नहीं कर सके। समय के अनुसार महसूस हो रही असली खुशी के लिए उन्होंने सभी समर्थकों की ओर से दी गई स्पोर्ट के लिए आभार व्यक्त किया है। इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली टी-शर्ट और लिखे गए शब्दों को इंटरनेट मीडिया पर खूब पसंद एवं वायरल किया जा रहा है।

स्वजनों के साथ साझा किए प्रसन्नता के पल

पिता सुरेश नागल के मुताबिक सुमित काफी उत्साहित और प्रसन्न है। बातचीत में उसने बताया कि वे जरूर बेहतर करेगा और पिछले दिनों जर्मनी में रहकर की गई उसकी मेहनत का फल वहां पर देखने को मिलेगा। पिता बताते है कि सुमित काफी मेहनती है। कोच एवं प्रशिक्षकों द्वारा दी जाने वाले सीख का सौ फीसद अनुसरण करने का प्रयास करता है। खास तौर पर मां के हाथ का बना हुआ खाना वह बहुत ज्यादा मिस करता है। हर दफा जब भी परिवार में बात करता है तो इस बात का जिक्र जरूर आता है कि जब भी घर आऊंगा जी भर कर खाऊंगा। इधर, सुमित के पैतृक गांव जैतपुर में भी खुशी का माहौल है। ग्रामीण इस बात से उत्साहित है कि सुमित की प्रतिभा के दम पर आज गांव का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।

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