Tokyo Olympics: नाम बजरंग, भक्त हनुमान जी के, मैच से पहले सालासर बालाजी धाम पहुंचे पिता

जब पहलवान बजरंग पूनिया पैदा हुए तो उनके दादा जय राम ने बजरंग के पिता बलवान सिंह से कहा था कि पंडित जी से पूछ लेना छोरे का नाम क्या रखना हैं। दिन मंगलवार था और पिता कुश्ती के जाने-माने खिलाड़ी। बस फिर क्या था बोले बजंरग ही रखेंगे।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 02:33 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:24 AM (IST)
Tokyo Olympics: नाम बजरंग, भक्त हनुमान जी के, मैच से पहले सालासर बालाजी धाम पहुंचे पिता
छह अगस्त को होगा बजरंग पूनिया का मुकाबला, चार अगस्त को आएगा मैच का शेड्यूल

अमित पोपली, झज्जर। 1994 की 26 फरवरी को खुड्डन गांव में जब इन्होंने जन्म लिया तो दादा जय राम ने पिता बलवान सिंह से कहा था कि पंडित जी से पूछ लेना छोरे का नाम क्या रखना हैं। दिन मंगलवार था और पिता कुश्ती के जाने-माने खिलाड़ी। बस, फिर क्या था बोले बजंरग ही रखेंगे। हनुमान जी में आस्था रखने वाले बलवान पूनिया के बेटे आज पिता द्वारा सिखाए गए कुश्ती के ककहरे के बूते खेल रत्न की उपाधि से नवाजे जा चुका हैं। टोक्यो ओलिंपिक में विदेशी कोच के साथ बेहतर प्रदर्शन के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहा हैं। पिता सहित पूरे परिवार को 100 फीसद भरोसा है कि अब की दफा बेटा बजरंग मेडल लेकर आएगा।

बजरंग को अखाड़े में अपनी अंगुली पकड़कर ले जाने वाले पिता के मुताबिक तैयारी बहुत शानदार हैं। छह अगस्त को बजरंग का मुकाबला होना हैं। वह किसके सामने उतरेंगे, इसका शेड्यूल चार अगस्त को आएगा। मैच से पहले पिता बलवान पूनिया सालासर बाला जी महाराज के दरबार में परिवार की मंगल कामना और बजरंग के लिए आशीर्वाद लेने गए हैं।

दरअसल, बजरंग जिला झज्जर के अंतर्गत आने वाले गांव खुड्डन से ताल्लुक रखते हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी पिता बलवान ने बेटे में कुश्ती का भविष्य देखा। परिवार ने भी अपने इस लाडले के लिए हर सुख की कुर्बानी दी। हालात यह थे कि चोट जिंदगी की हो या खेल के मैदान की, बजरंग ने भी हार नहीं मानी। परिवार के आशीर्वाद और भाई के समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।

पूछ रही मां तन्नै खाना तो ठीक से खा लिया :

पिछले काफी समय तक बजरंग ने मोबाइल फोन भी अपने पास नहीं रखा। ताकि, तैयारियों में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं आए। फिलहाल, टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए गए बजरंग रात के समय में पूरे परिवार के वीडियो काल पर बातचीत करते हैं। मां ओम प्यारी अक्सर बेटे से उसके खाने के बारे में पूछती हैं। पिता बलवान सिंह के मुताबिक मां से जब भी बात होवे सै तो बस खान ही पूछै जा सै। परिवार के लाडले बजरंग के लिए हर तरफ दुआएं हो रही हैं। छोटे भतीजे नमन और युवराज इन दिनों में अपने दादा से कुश्ती के गुर सीख रहे हैं। बेड पर ही दादा के सामने एक दूसरे के साथ कुश्ती भी करते हैं। परिवार में होने वाली चर्चाओं के साथ ही उन्हें भी समझ में आने लगा है कि चाचा गेम से मेडल लेकर आएंगे।

बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह

टोक्यो की गर्मी कर रही परेशान

हालांकि, बजरंग सहित अन्य खिलाड़ी जहां पर भी अभ्यास कर रहे हैं। वह सभी स्थान वातानुकूलित हैं। लेकिन, मौसम की बात करें तो टोक्यो में नमी बहुत ज्यादा है। जो कि खिलाड़ियों को खासा परेशान रही हैं। मौसम की वजह से हो रही परेशानी को बजरंग ने भी परिवार के साथ साझा किया हैं। इससे पहले सुमित नागल ने भी पिता सुरेश नागल से नमी की वजह से होने वाली परेशानी का जिक्र किया था।

बजरंग पुनिया की पत्नी भी पहलवान हैं संगीता फोगाट

बता दें कि पहलवान बजरंग पुनिया की शादी हाल ही में दंगल गर्ल बबीता और गीता फोगाट की छोटी बहन संगीता फोगाट से हुई थी। संगीत फोगाट भी पहलवान हैं। संगीत फोगाट के पिता महावीर फोगाट को बजरंग पुनिया शुरू से ही पसंद थे। बजरंग पुनिया ने बिना दान दहेज के शादी की थी। जो चर्चा का विषय भी बनी थी। वहीं, बजरंग पुनिया ने बेहद सादे तरीके से विवाह किया था। और बेहद कम लोगों को अपनी शादी में बुलाया था। कोरोनाकाल में इस तरह की सूझबूझ भी चर्चा का विषय बनी थी। 

जानिये क्यों है पदक की उम्मीद

बजरंग पुनिया अपने भार वर्ग में हाल ही में दुनिया के नंबर 1 पहलवान बने थे। वह बेहद सादा और देसी खाना पसंद करते हैं। जिम और प्रैक्टिस में घंटों पसीना बहाते हैं। पहलवान होने के बावजूद बजरंग पुनिया सिक्स पैक ऐब बनाए हुए हैं। थकान उन पर हावी नहीं होती। ओलिंपियन योगेश्वर दत्त को वह अपना गुरु मानते हैं। ससुर महावीर फोगाट भी उन्हें पहलवानी की बारिकियां समझाते रहते हैं। पहलवान बजरंग पुनिया ओलिंपियन रहे दूसरे देशों के पहलवानों को भी रिंग में धूल चटा चुके हैं। इसलिए उनसे इस बार पदक की ज्यादा उम्मीद है।  

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