Tokyo Olympics: मनु भाकर घर पर फोन कर बोली- किस्मत कब तक नाराज होगी, डोंट वरी पापा
हरियाणा के झज्जर जिले की निवासी मनु भाकर को टोक्यो में अभी महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल के डबल इवेंट में निशाना लगाना हैं। मिक्सड इवेंट में सौरभ चौधरी और मनु भाकर साझीदार होंगे। अभी उम्मीद बाकी है।
अमित पोपली, झज्जर : 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के क्वालीफिकेशन राउंड के दौरान पिस्टल में आई खराबी की वजह से फाइनल में जगह नहीं बना पाईं युवा शूटर मनु भाकर ने परिवार से जब बात की थी तो कहना रहा कि किस्मत कब तक नाराज होगी हसमें, डोंट वैरी पापा। आने वाले मैच में बढ़िया प्रदर्शन रहेगा। पूर्व के समय में 585 अंकों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे चुकी मनु को टोक्यो में अभी महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल के डबल इवेंट में निशाना लगाना हैं। मिक्सड इवेंट में सौरभ चौधरी और मनु भाकर साझीदार होंगे।
पिता बताते है कि पिस्टल खराबी की वजह से मनु के लिए कुछ समय का भी नुकसान हुआ। जिसकी वजह से 34 मिनट में 44 शाट लगाने शेष थे। ऐसा तो स्कूल स्तर के इवेंट में भी नहीं कर सकता। कुल मिलाकर, विषम परिस्थितियों में मनु ने अपनी उम्र से बड़े अनुभव और बेहतर खेल का प्रदर्शन किया है। प्रशंसकों की ओर से मनु को दी जा रही शुभकामनाएं बेशक ही शेष दोनों इवेंट में और अधिक बेहतर करने के लिए ्रपेरित करेंगी।
म्हारी मनु दिल ने करड़ा राख्खे सै
टोक्यो में बेटी के इस प्रदर्शन के बाद पिता काफी असहज भी दिखे। बातचीत में मन से थोड़ा परेशान दिखे राम किशन भाकर ने कहा कि म्हारी मनु दिल ने करड़ा राख्खे सै। फोन पर जब उसने बात की तो बड़ी सहज थी। किस्मत के बूते मौके पर पिस्टल की खराबी उसे कचोट तो रही है, लेकिन वह आने वाली इवेंट और अधिक बेहतर करेगी, यह उसे विश्वास भी हैं। बता दें कि थोड़े ही अंतराल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खास पहचान बना चुकी मनु भाकर ट्वीटर पर भी ट्रेंड कर रही हैं। साथी खिलाड़ियों के अलावा बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक मनु के खेल पर अपना विश्वास व्यक्त करते हुए अपनी बात रख रहे हैं।
यूथ ओलंपिक खेल, राष्ट्रमंडल खेल, एशियन शूटिंग चैंपियनशिप और एशियन एयरगन चैंपियनशिप में तो मनु ने स्वर्ण पदक जीते हैं। निशानेबाज़ी विश्व कप में तो जैसे उनका दबदबा रहा है। साल 2018 में मनु भाकर ने सिडनी में हुए जूनियर विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिश्रित टीम में स्वर्ण पदक जीते। उसी साल उन्होंने जर्मनी में हुए जूनियर विश्व कप में भी एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।