Tokyo Olympics 2020: सेमीफाइनल मैच में प्रतिद्वंदी पहलवान के गटरंज दांव में फंस गए दीपक पूनिया, कांस्य पदक की अभी उम्मीद
पहलवान दीपक पूनिया अपना सेमीफाइनल मैच खेलते हुए 10-0 के अंतर से हार गए। मगर अभी भी वो कांस्य पदक की रेस में बने हुए हैं। उन्होंने शुरुआत में अच्छा खेल दिखाया मगर फिर यूएसए के प्रतिद्वंदी पहलवान के गटरंज दांव में फंस गए।
जागरण संवाददाता, हिसार/बहादुरगढ़। हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव निवासी पहलवान दीपक पूनिया अपना सेमीफाइनल मैच खेलते हुए 10-0 के अंतर से हार गए। मगर अभी भी वो कांस्य पदक की रेस में बने हुए हैं। उन्होंने शुरुआत में अच्छा खेल दिखाया मगर फिर यूएसए के प्रतिद्वंदी पहलवान के गटरंज दांव में फंस गए। यह दांव ऐसा माना जाता है जिसका आसानी से कोई तोड़ नहीं होता है। यह दांव 99 फीसद सक्सेसफुल होता है और दीपक पूनिया प्रतिद्वंदी पहलवान टेलर के इसी दांव में फंस गए। गटरंज दांव में पहलवान दूसरे पहलवान के दोनों पांव पकड़ते हुए जमीन पर लेटे लेटे पलटी मारता है। पलटी मारने पर नंबर जुड़ते जाते हैं और विरोधी पहलवान जब तक संभलता है तब तक देर हो चुकी होती है। यूएसए के पहलवान ने वही किया और महज एक मिनट में उन्हाेंने करीब 10 अंक बटोर लिए। मैच बीच में ही खत्म हो गया।
दीपक पुनिया के पहले कोच रहे वीरेंद्र आर्य का कहना है कि दीपक ने बहुत अच्छी कुश्ती लड़ी लेकिन मुकाबला काफी कठिन था। सेमीफाइनल में जिस पहलवान से दीपक पूनिया की हार हुई है वह काफी अनुभवी हैं । जबकि दीपक कि अभी उम्र छोटी है। मुकाबले के हिसाब से देखें तो कोई कमी नहीं थी। वहीं दीपक के पिता सुभाष पूनिया का दीपक के मैच के बारे में बताते हुए गला भर आया। उन्होंने कहा दीपक अभी बहुत छोटा है। सोना नहीं जीत पाया कोई बात नहीं, अगली बार जीत लाएगा। दीपक अभी 22 साल का है अभी भी वह अगर कांस्य पदक जीतकर आता है तो यह देश के लिए बड़ी बात होगी। हालांकि दीपक की हार से सभी का मन दुखी जरूर था। बहन, कोच और पिता ने साथ बैठकर मैच देखा।
बता दें कि दीपक पूनिया बीते छह महीने से घी भी नहीं खाते थे कहीं चर्बी के कारण उनके खेल पर कोई बुरा असर न आ जाए इसका वो बहुत ख्याल रखते हैं। वहीं वे भैंस का नहीं बल्कि गाय का दूध पीते हैं, गाय के दूध पीते हैं। उनके पिता भी दूध का काम ही करते हैं। वे बचपन में अपने हिस्से का दूध भी दीपक को दे दिया करते थे। दीपक ने क्वार्टर फाइनल में भी शानदार प्रदर्शन किया था। दीपक ने पांच साल की उम्र में ही उन्होंने पहलवानी शुरू कर दी थी।