धान की बोगस खरीद उजागर करने वाले फतेहाबाद के दीपक को मिली जान से मारने की धमकी, मुख्यमंत्री से गुहार
दीपक अग्रवाल ने जिले में बोगस धान की खरीद का मामला उठाया। इसकी शिकायत भी अधिकारियों को दी। अब अधिकारी शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाए आढ़तियों व राइस शैलर्स मालिकों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता को धमकी दे रहे है।
फतेहाबाद, जेएनएन। फतेहाबाद के कुलां के दीपक अग्रवाल ने जिले में बोगस धान की खरीद का मामला उठाया। इसकी शिकायत भी अधिकारियों को दी। अब अधिकारी शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाए आढ़तियों व राइस शैलर्स मालिकों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता को धमकी दे रहे है। इसकी अब शिकायतकर्ता दीपक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिकायत भेज कर सुरक्षा की गुहार लगाई है। वहीं गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भेजी गई शिकायत में दीपक ने आरोप लगाया कि धमकी देने वाले कह रहे है कि उन्होंने बोगस धान बेचकर करोड़ रुपये कमाए है। शिकायत भी बंद करवा देंगे। तेरी साथ मारपीट भी करेंगे। ऐसे में अब उसने धमकी देने वालों के खिलाफ शिकायत भेजी है।
शिकायतकर्ता ने तीन महीने पहले की थी शिकायत :
कुलां के शिकायतकर्ता दीपक अग्रवाल ने शिकायत दी थी कि धारसूल अनाज मंडी में 6 नवंबर को परमल धान की खरीद हुई थी। तीन किसानों के नाम पर एक फर्म ने फसल खरीदी। तीनों किसानों से करीब 35 लाख रुपये के धान खरीदे गए। इनका पंजीकरण 28 अक्टूबर को किया गया। शिकायतकर्ता का दावा था कि जिन किसानों का फसल का पंजीकरण किया हुआ है वह हिसार जिले के गांव बालसंद, बुडाक व चौधरीवाली क्षेत्र का दिखाया गया है। जहां पर बाजरा की खेती भी बारिश पर निर्भर है। धान की खेती किसी भी सूरत में नहीं हो सकती। उसके बाद भी धान की फसल खरीदते हुए गड़बड़ी कर दी।
6 दिनों में जारी कर दिया रुपये :
शिकायतकर्ता ने बताया कि 6 नवंबर को जो परमल धान की खरीद हुई थी उसे खाद्य आपूर्ति विभाग ने की है। किसान के खाते में 12 नवंबर को रुपये जारी कर दिए। इतने रुपये अन्य किसानों के खाते में नहीं जाते। अधिकांश किसानों की पेमेंट एक महीने के अंतराल पर हुई।
जांच की बजाए शिकायतकर्ता को कर रहे प्रताड़ित :
शिकायतकर्ता अग्रवाल का कहना है कि जिन मोबाइल नंबर व फसल बेचने वालों के दस्तावेज के आधार पर शिकायत दी है। उनमें अनिल, साहिल व छबीलदास शामिल है। जब इसने नंबरों से संपर्क किया तो इनका कहना था कि वे फसल बेचना तो दूर खेती ही नहीं करते। गत वर्ष एक मिलर्स में काम करते थे। उस दौरान उनके मोबाइल नंबर पर फसल का पंजीकरण किया गया होगा। फसल बेचने व रुपये खाते में आने की जानकारी नहीं है। अब अधिकारी जांच करने की बजाए उसे ही प्रताड़ित कर रहे है।
मेरे संज्ञान में नहीं है मामला : चरण सिंह
फतेहाबाद जिले में मेरा अभी ट्रांसफर हुआ है। इसकी मुझे जानकारी नहीं है। शिकायत की पूरी जांच होगी। गड़बड़ी मिली तो अवश्य कार्रवाई होगी।
- चरण सिंह, जिला विपणन एवं प्रवर्तन अधिकारी।