भारी बरसात से हजारों क्विंटल गेहूं पानी में बहा, आढ़तियों ने लिफ्टिग न करने के लिए खरीद एजेंसियों को ठहराया दोषी

संवाद सहयोगी हांसी दो दिन से हो रही मुसलाधार बरसात से अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 08:26 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 08:26 AM (IST)
भारी बरसात से हजारों क्विंटल गेहूं पानी में बहा, आढ़तियों ने लिफ्टिग न करने के लिए खरीद एजेंसियों को ठहराया दोषी
भारी बरसात से हजारों क्विंटल गेहूं पानी में बहा, आढ़तियों ने लिफ्टिग न करने के लिए खरीद एजेंसियों को ठहराया दोषी

संवाद सहयोगी, हांसी: दो दिन से हो रही मुसलाधार बरसात से अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी लाखों गेहूं की बोरियां भीग गईं और अनाज मंडी में बरसाती पानी के भरने पर हजारों क्विंटल गेहूं पानी में डूबने से आढ़तियों के होश उड़े हुए हैं। शनिवार रात को हुई बरसात से रविवार पूरा दिन कई आढ़ती व उनके कर्मचारी बरसाती पानी में डूबे गेहूं को बचाने के लिए जुटे रहे। रविवार सायं को दोबारा हुई मुसलाधार बरसात ने फिर से इन आढ़तियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मंडी के आढ़ती गोदामों में गेहूं की लिफ्टिग न करने के लिए खरीद एजेंसी हैफेड व वेयरहाउस को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। आढ़तियों का कहना है कि ठेकेदार के पास गेहूं की लिफ्टिग के लिए पर्याप्त लेबर व वाहनों की व्यवस्था होने के बावजूद खरीद एजेंसियों ने गेहूं के उठान को गंभीरता से नहीं लिया जिससे भारी बरसात के कारण आढ़तियों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। अनाज मंडी में इस सीजन में करीब 9 लाख क्विंटल की सरकारी खरीद की जा चुकी है जिसमें से साढ़े 4 लाख क्विंटल गेहूं की लिफ्टिग कर उन्हें गोदामों में स्टोरेज किया जा चुका है। आढ़तियों ने मौसम खराब होने की आशंका को देखते हुए मंडी में बने शेड व ऊंचे चबूतरों पर लकड़ी की करेट लगाकर गेहूं के स्टॉक लगाए हुए थे और हजारों क्विंटल गेहूं की खुली फसल अभी भी मंडी में ढेरियों के रूप में पड़ी थी। भरी बरसात से मंडी में जमा पानी में कई क्विंटल गेहूं पानी में बह गई।

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आढ़तियों को हुआ लाखों का नुकसान: तायल

अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार तायल ने कहा कि सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड व वेयरहाउस की लापरवाही के कारण मंडी में पड़ी लाखों क्विंटल गेहूं की लिफ्टिग नहीं हो सकती। जिसके कारण भारी बरसात में आढ़तियों की हजारों क्विंटल गेहूं पानी में डूब गया, जिससे आढ़तियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बरसात में भीगे गेहूं को सरकारी खरीद एजेंसियां नहीं लेंगी और इसे कम रेट पर बेचकर आढ़तियों को अपने नुकसान की कुछ भरपाई करनी पड़ेगी।

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