जज्बे को सलाम, घर वापसी की जगह कर्म को दी तवज्जो, इनकी बदौलत बहादुरगढ़ में चल रहीं 100 फैक्ट्रियां

कोरोना महामारी में निराशा के दौर में कामगार आशा की किरण दिखा रहे हैं। शारीरिक दूरी का ख्याल रखकर फुटवियर बनाने में जुटे हजारों कामगार। घर वापसी की बजाय इन वर्करों ने काम को तवज्जो दी। फुटवियर पार्क में करीब 100 फैक्ट्रियों में उत्पादन थमा नहीं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 11:00 AM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 11:00 AM (IST)
जज्बे को सलाम, घर वापसी की जगह कर्म को दी तवज्जो, इनकी बदौलत बहादुरगढ़ में चल रहीं 100 फैक्ट्रियां
बहादुरगढ़ की फुटवियर फैक्ट्री में फुटवियर का उत्पादन करते कामगार।

बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन की संभावना के चलते बहादुरगढ़ से हजारों की संख्या में कामगार घर वापसी कर गए। कामगारों के चले जाने से तथा दिल्ली से कच्चा माल न मिले पाने की वजह से करीब 70 फीसद फैक्ट्रियां बंद हो गईं या फिर उत्पादन काफी कम हो गया। मगर इन सबके बीच ऐसे भी कामगार हैं जो इस महामारी के दौर में भी अपने काम पर न केवल डटे हुए हैं बल्कि फैक्ट्रियाें का पहिया भी नहीं थमने दे रहे हैं।

इन कामगारों के इस जज्बे की वजह से ही फुटवियर पार्क में करीब 100 फैक्ट्रियां ऐसी हैं, जहां पर अब भी काम चल रहा है। हालांकि इन फैक्ट्रियों 50 फीसद वर्करों के साथ काम किया जा रहा है जिससे उत्पादन कम जरूर हुआ है लेकिन कामगारों के इस हौसले ने फैक्ट्रियों मालिकों को काफी राहत पहुंचाई है। फैक्ट्रियों के ऑर्डर पूरे होने में कुछ देरी तो जरूर हो रही है लेकिन काम के प्रति कामगारों की ओर से दिखाए गए इस जज्बे के कारण उन्होंने एक भी ऑर्डर रद नहीं होने दिया है। उधर, फैक्ट्री संचालकों की ओर से भी कामगारों को खान-पान, रहन-सहन व बीमार होने पर इलाज का पूरा भराेसा दिया जा रहा है। उन्हें मोटिवेट किया जा रहा है। किसी तरह की परेशानी नहीं होने देने का पूरा आश्वासन दिया जा रहा है।

कोरोना से बचाव रखते हुए काम बहुत जरूरी:विनोद

यूपी के गोरखपुर से विनोद ने बताया कि वह कई सालों से बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क में काम करता है। इस समय एसएलवी शूज कंपनी में सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत है। लॉकडाउन के भय से जब सब काम छोड़कर जा रहे थे उस दौरान फैक्ट्री मालिक की ओर से उन्हें पूरा भरोसा दिया गया था। ऐसे में मैं ही नहीं बल्कि 100 से ज्यादा कामगार भी काम कर रहे हैं। पूरी सावधानी के साथ सभी कामगार अपना सौ फीसद पहले की तरह की काम कर रहे हैं।

घर वापस जाकर बीमारी से बच जाएंगे, इसका भरोसा नहीं

यूपी के मथुरा निवासी अनुपम शर्मा ने बताया कि काफी संख्या में वर्कर घर चले गए हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि घर जाकर क्या इस बीमारी से बच जाएंगे। वहां भी तो बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। काम करेंगे तो परिवार का गुजर-बसर होगा। लॉकडाउन की संभावना को लेकर हम चिंतित हो हुए थे लेकिन जैसे ही चिंता का माहौल बना तो फैक्ट्री मालिकों की ओर से उन्हें समझाया और हर परिस्थिति में साथ देने का भरोसा दिया तो हमने काम को ही तवज्जो दी। मैं यहां सुपरवाइजर का काम करता हूं और काफी संख्या में वर्कर भी उनके साथ काम कर रहे हैं।

बहुत से कामगारों के जज्बे के कारण ऑर्डर हो रहे पूरे

एसएलवी शूज कंपनी के मालिक सचिन अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन की संभावना के चलते काफी संख्या में कामगार चले गए। कोरोना महामारी के इस दौर में पिछले साल की तरह फैक्ट्री चलाना मुश्किल सा हो गया। हमारे यहां करीब 600 कामगार काम करते थे। जैसे ही कामगार जाने लगे तो उन्होंने उन्हें मोटिवेट किया। हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। ऐसे में काफी संख्या में कामगार चले गए लेकिन करीब 100 कामगार ऐसे हैं जिन्होंने हमारा साथ दिया और वे काम के प्रति डेडिकेटिड हैं। इस वजह से उनकी फैक्ट्री के ऑर्डर पूरे हो रहे हैं।

कामगारों की वजह से अब भी घूम रहा करीब 100 फैक्ट्रियों का पहिया

बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा ने बताया कि बहादुरगढ़ से हजारों कामगार घर लौट गए हैं, मगर हजारों की संख्या में कामगारों ने काम को भी तवज्जो दी है। इसी वजह से यहां पर करीब 100 फैक्ट्रियों में अब भी काम चल रहा है। हां इनमें कामगारों की संख्या कम रहने से उत्पादन पर प्रभाव जरूर पड़ा है, मगर ऑर्डर पूरे हो रहे हैं जो राहत की बात है।

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