कापास में न हो नुकसान, विज्ञानियों को फील्ड में उतारा

हिसार कपास में पिछले साल काफी नुकसान हुआ था। इस बार एचएयू ने खास तैयारी की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:12 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:12 AM (IST)
कापास में न हो नुकसान, विज्ञानियों को फील्ड में उतारा
कापास में न हो नुकसान, विज्ञानियों को फील्ड में उतारा

फोटो- 53

जागरण संवाददाता, हिसार : कपास में पिछले साल काफी नुकसान हुआ था। साथ ही जिन क्षेत्रों में अधिक नुकसान हुआ उसमें कृषि मंत्री के हलके से जुड़े क्षेत्र भी शामिल थे। इस बार कपास में नुकसान न हो इसके लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने अपने विज्ञानियों को फील्ड में उतारा है। विज्ञानी किसानों को समझा भी रहे हैं और उन्हें सलाह भी दे रहे हैं।

मंगलवार को एचएयू के अनुसंधान निदेशालय, आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के कपास अनुभाग, कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किसान गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें कुलपति प्रो बीआर कांबोज बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए विवि हर समय तत्पर व प्रयासरत है। किसानों को ज्यादा से ज्यादा विश्वविद्यालय के साथ जुड़कर इसका लाभ उठाना चाहिए।

कृषि मंत्री के साथ मिलकर चल रहा है अभियान

एचएयू इस कार्यक्रम को राज्य सरकार और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कर रहा है। इसमें किसानों की समस्या को लेकर लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। विज्ञानियों की टीम गठित कर दी है जो लगातार संबंधित क्षेत्रों के किसानों को जागरूक कर रही है।

रसायन मुक्त खेती को दें बढ़ावा

प्रो. बीआर कांबोज ने कहा कि कपास की फसल में बेहतर उत्पादन के लिए कीट व रोगों का एकीकृत प्रबंधन जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर वैज्ञानिकों द्वारा फसलों संबंधी जारी हिदायतों व सलाह का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

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