नेपाल के दंपती की मदद कर नारनौंद के युवा ने किया प्रदेश का नाम रोशन

हरियाणा के छोरे की इमानदारी के चर्चे नेपाल में बोले इंडिया के लोगों का जमीर जिंदा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 08:04 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 08:04 PM (IST)
नेपाल के दंपती की मदद कर नारनौंद के युवा ने किया प्रदेश का नाम रोशन
नेपाल के दंपती की मदद कर नारनौंद के युवा ने किया प्रदेश का नाम रोशन

फोटो : 19

हरियाणा के छोरे की इमानदारी के चर्चे नेपाल में, बोले इंडिया के लोगों का जमीर आज भी जिदा

सुनील मान, नारनौंद

नेपाल का दंपती इलाज के लिए गुरुग्राम आया था। इस दौरान उनका खोया मोबाइल लौटा कर प्रदेश के छोरे आइटी प्रोफेशनल संदीप ने उनके मन में हरियाणा वासियों के लिए ऐसी जगह बना डाली कि वह यहां के लोगों के मुरीद हो गए और नेपाल जाकर यहां के लोगों की इमानदारी के कसीदे पढ़ रहे हैं। वही सेल्फी विद डॉटर अभियान से जुड़कर नेपाल में उसका प्रचार करके बेटियों को मान सम्मान दिलाने की कवायद भी शुरू कर दी।

नेपाल की एक दंपती विक्रम श्रेष्ठा व उसकी पत्नी कल्पना श्रेष्ठा इलाज करवाने के लिए गुरुग्राम के मेदांता हास्पिटल में आए थे। इस दौरान उनका महंगा मोबाइल फोन खो गया। वह मोबाइल फोन गुरुग्राम में ही आईटी प्रोफेशनल राजथल निवासी संदीप को मिल गया। संदीप ने मोबाइल को अपने कमरे पर पहुंच कर चार्ज किया। दो दिनों तक उस पर कोई फोन नहीं आया। इसके बाद उसने मोबाइल फोन पर लगे लाक को खोला फेसबुक से कुछ लोगों के पास संदेश भेजे। अगले दिन वाट्सएप पर विक्रम की काल आई, उन्होंने पूछा कि आप कौन हो तो उसने बताया कि मैं हरियाणा से संदीप हूं तो उन्होंने मोबाइल फोन लेने से मना कर दिया। उनके मन में आशंका थी कि उनके साथ कोई और अन्य घटना ना घट जाए। संदीप ने उनको भरोसा दिलाया। उसके बाद उन्होंने गुरुग्राम के एक होटल का पता दिया तो संदीप होटल में पहुंचकर उनसे मिला और उनका मोबाइल फोन उनको लौटा दिया। संदीप ने यह भी बताया कि वह सामाजिक कार्यकर्ता भी है और वह सेल्फी विद डाटर अभियान से जुड़कर लड़कियों के लिए काम कर रहे हैं। वह इससे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि वह इस अभियान को नेपाल में भी शुरू करना चाहते हैं। तो पिछले सप्ताह उन्होंने नेपाल में इसकी शुरुआत की तो वहां पर हजारों लोग इस अभियान से जुड़े।

नेपाल निवासी विक्रम श्रेष्ठा ने बताया की मेरी पत्नी कल्पना श्रेष्ठा भी काफी डरी हुई थी। मुझे मोबाइल फोन लेना नहीं चाहती थी उसके मन में डर था कि हरियाणवी युवक इतनी मेहनत करके हमको मोबाइल फोन लौटाने की बात कह रहा है। वह हमारे साथ कोई बड़ी वारदात कर सकता हैं। लेकिन जब हमें संदीप होटल पर फोन लौट आने के लिए पहुंचा दो हमारी सभी हरियाणवीयों के प्रति सोच बदल गई। आज भी काफी लोग ईमानदार हैं।

सेल्फी विद डॉटर अभियान के संस्थापक सुनील जागलान ने बताया कि संदीप की इमानदारी की वजह से हमें नेपाल में भी इस अभियान को चलाने का प्लेटफार्म मिल गया है। अब हम नेपाल के बाद पाकिस्तान में भी इस अभियान की शुरुआत करेंगे ताकि बेटियों को मान सम्मान मिल सके।

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