ओलावृष्टि के साथ बारिश ने कुरेदे किसानों के जख्म

किसानों की बंपर पैदावार को बारिश और गुलाबी सुंडी ने किया ध्वस्त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 07:30 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 07:30 PM (IST)
ओलावृष्टि के साथ बारिश ने कुरेदे किसानों के जख्म
ओलावृष्टि के साथ बारिश ने कुरेदे किसानों के जख्म

- किसानों की बंपर पैदावार को बारिश और गुलाबी सुंडी ने किया ध्वस्त

- दोपहर बाद हुई बारिश के साथ क्षेत्र में हल्की ओलावृष्टि

संवाद सहयोगी, हांसी : क्षेत्र में रविवार दोपहर बाद आई बारिश ने एक बार फिर से किसानों के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया है। बारिश के साथ कहीं-कहीं हल्की ओलावृष्टि भी देखने को मिली। किसानों की कपास और धान की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है। बारिश के कारण इन फसलों को नुकसान की भारी आशंका जताई जा रही है। करीब एक महीने पहले हुई बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। कई गांव में अभी तक खेतों में बारिश का पानी निकाला नहीं जा सका है। किसान पानी में खड़े होकर अपनी धान की फसल की कटाई करने को मजबूर है।

अबकि बार किसान अपनी धान व कपास की फसल को देखकर अनुमान लगा रहे थे कि फसल कई सालों का रिकार्ड तोड़ेगी। हुआ भी ऐसा ही। परंतु अबकि बार बंपर पैदावार से रिकार्ड नहीं टूटा बल्कि कई सालों के मुकाबले कम फसल पैदावार ने रिकार्ड तोड़ने का काम किया। बेमौसमी बारिश से जहां फसलों में भारी नुकशान था तो वहीं अबकि गुलाबी सुंडी ने किसान की कमर तोड़ने का काम किया। जिसके चलते किसान खड़ी कपास की फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर है।

अन्य वर्षों की तुलना में इस साल बहुत कम हुई पैदावार

किसानों का कहना है कि यदि कपास की फसल की बात की जाए तो हर वर्ष प्रति एकड़ 18 से 24 मन कपास होती थी। परंतु अबकि बार अधिकांश क्षेत्र में केवल 5 से 10 मन ही कपास हुई है। वहीं यदि धान की बात की जाए तो धान की फसल में भी किसानों को निराशा ही हाथ लगी है। किसानों का कहना है कि फसल पर खर्च तो बढ़ा ही है, वहीं ठेके की भूमि के रेट भी आसमान छू रहे हैं। परंतु कम हो रही पैदावार उन्हे निराश करने का काम कर रही है।

कपास के भाव छू रहे आसमान

प्रदेश में शायद ही ऐसा क्षेत्र होगा जहां बंपर पैदावार हुई हो। कपास की कम पैदावार के कारण भाव आसमान छू रहे है। यदि भाव की बात की जाए तो अबकी बार कपास का सरकारी रेट 5950 तय हुआ था। मौजूदा समय में कपास मंडियों में करीब 8 हजार के भाव बिक रही है।

किसानों को अच्छे मुआवजे की आस

क्षेत्र में ऐसा कोई गांव नहीं है जहां फसलों में नुकसान न हो। बेबस किसान अब सरकार की ओर आस लगाए बैठे है। किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनको फसल खराबे का अच्छा मुआवजा देकर जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेंगी।

chat bot
आपका साथी