सिरसा में दक्षिण बाईपास के निर्माण की संभावनाएं लगभग खत्म, दो साल पहले मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
छह किमी लंबे मिनी बाईपास बनाने को कृषि विपणन बोर्ड ने जमीन कम बताई है। इससे पहले लोक निर्माण विभाग ने भी फिजिबिलिटी रिपोर्ट से इन्कार कर दिया था। रिपोर्ट में बिना जमीन अधिग्रहण के बाईपास बनाए जाने को खारिज कर दिया गया है।
हिसार/सिरसा, जेएनएन। हिसार रोड को भादरा रोड से जोड़ते हुए शहर से बाहर बाईपास बनाए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा सिरे नहीं चढ़ेगी। लोक निर्माण विभाग के बाद कृषि विपणन बोर्ड ने भी फिजिबिलिटी रिपोर्ट से इन्कार कर दिया है। रिपोर्ट में बिना जमीन अधिग्रहण के बाईपास बनाए जाने को खारिज कर दिया गया है और तकनीकी रूप से भी कई खामियां बताई गईं हैं।
वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री ने सिरसा की जनसभा में हिसार रोड दिल्ली बाईपास से भादरा रोड को जोड़ने की घोषणा की थी। योजना का यह पहला चरण था और दूसरे चरण में भादरा मार्ग को रानियां रोड से जोड़ा जाना था। जब मांग रखी गई तब बताया गया कि दिल्ली पुल से भादरा रोड तक माइनर निकलता है और इस माइनर के साथ-साथ रोड बनाई जा सकती है इससे हिसार की ओर से नोहर-भादरा जाने वाले वाहनों को शहर के बाहर से ही रास्ता मिलेगा और उन्हें शहर में नहीं आना होगा। बाजार में ट्रैफिक भी कम होगा।
कुल 30 फीट जगह, उसमें भी माइनर
लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा को सिरे चढ़ाने के लिए नहर विभाग से रिपोर्ट मांगी। इस रिपोर्ट में जगह 30 फीट बताई गई। लोक निर्माण विभाग 33 फीट से कम की सड़क का निर्माण नहीं करता इसलिए यह केस लोक निर्माण विभाग से कृषि विपणन बोर्ड के पास भेज दिया गया। बोर्ड के अधिकारियों ने जांच की तो माइनर समेत 30 फीट जगह मिली। माइनर के साथ छोटी पगडंडी बनी हुई है इसलिए यहां सड़क निर्माण को उचित नहीं माना गया।
बिना भूमि अधिग्रहण किए नहीं हो पाएगा निर्माण
विपणन बोर्ड के कार्यकारी अभियंता विजेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुल से भादरा मार्ग तक माइनर के साथ सड़क निर्माण की संभावनाएं नहीं बन रही हैं। जहां रोड बनाई जानी है उस पूरे मार्ग को देखा गया है। बिना जमीन अधिग्रहण किए बाईपास का निर्माण नहीं हो पाएगा।