लुकआउट नोटिस को चार दिन में भी पत्र अंबाला नहीं पहुंचा

केमिस्ट की दुकान के लिए लाइसेंस जारी करने के नाम पर मांगी थी रिश्वत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:24 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:24 AM (IST)
लुकआउट नोटिस को चार दिन में भी पत्र अंबाला नहीं पहुंचा
लुकआउट नोटिस को चार दिन में भी पत्र अंबाला नहीं पहुंचा

रिश्वत प्रकरण

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जागरण संवाददाता, हिसार: केमिस्ट की दुकान के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी फरार चल रहे है। इस मामले में विजिलेंस टीम ने लुकआउट नोटिस के लिए 17 सितंबर को डीआइजी विजिलेंस को पत्र भेजने की बात कहीं थी। लेकिन मंगलवार को मामले में जवाब दो हिसाब के अध्यक्ष राजीव सरदाना ने अंबाला फोन करके इस बारे में पता किया तो बताया गया कि इस संबंध में वहां ना कोई पत्र आया है और ना ही कोई ईमेल आई है। राजीव सरदाना का आरोप है कि विजिलेंस टीम खानापूर्ति करके सुरेश चौधरी को बचाना चाहती है। जबकि डीआइजी विजिलेंस अंबाला दो दिन से हिसार में थे। वहीं राजीव सरदाना का आरोप है कि सेक्शन 19 की मंजूरी भी सरकार से नहीं ली गई है। गौरतलब है कि सेक्शन 19 के तहत अगर किसी मामले में पुलिस द्वारा आरोपित पर केस चलाने की अनुमति संबंधित विभाग से नहीं ली जाती तो तीन महीने बाद आरोपित पर केस दायर नहीं किया जा सकता। राजीव सरदाना का आरोप है कि विजिलेंस टीम सुरेश चौधरी को यहीं फायदा पहुंचाना चाहती है, तभी उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही। वहीं मामले में सुरेश चौधरी ने हेडक्वार्टर में भी रिपोर्ट नहीं की है। इस मामले में सरदाना ने जांचकर्ता के खिलाफ हाइकोर्ट जाने की बात कही है।

मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और उपायुक्त को दी शिकायत

हांसी निवासी राजीव सैनी ने सुरेश चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी सीएम विडो की शिकायत के जवाब में झूठी रिपोर्ट मिलने के मामले में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और उपायुक्त को शिकायत भेजी है। शिकायत में बताया कि सात अगस्त 2019 को उसने सीनियर ड्रग कंटालेर और ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी के खिलाफ सीएम विडो में शिकायत दी थी। जिसमें मंजू टूटेजा की निगरानी कमेटी में सीएम विडो में डयूटी थी। लेकिन इस शिकायत पर सीएम विडो की तरफ से जवाब में शिकायत को ही झूठा करार दे दिया गया। साथ ही उनपर ही बार-बार शिकायत करने का आदि होने का आरोप लगा दिया। इस मामले में राजीव सैनी भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए है। गौरतलब है कि जुड़ी एक आडियो वायरल हुआ है। जिसमें हांसी के एक पूर्व मनोनित पार्षद और पंचकूला की एक सीएम विडो की अधिकारी आडियो में सुरेश चौधरी का बचाव करते सुनाई दिए थे।

12 साल पहले टिवंस नाम से मेडिकल चलाता था सुरेश चौधरी

जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा कि सुरेश चौधरी बीते 12 साल पहले भिवानी सिविल अस्पताल के सामने टिवंस फार्मा के नाम से दुकान चलाता था। जब वह 2009 में सिविल अस्पताल में बतौर ड्रग इंस्पेक्टर लगता है तो वह ताबड़तोड़ उन्ही दुकानदारों के पीछे पड़ जाता है जहां वह खुद भी कभी काउंटर पर बैठकर दवाइयां बेचता था और उसके बाद मात्र 12 साल में भिवानी में 2000 गज में सेक्टर के अंदर टिवंस हाउस के नाम से महलनुमा कोठी खड़ी करता है और वो महल जो कि रिमोट कंट्रोल द्वारा संचालित है उसमें स्विमिग पूल सहित सब सुख साधन उपलब्ध है। वह करीब 1100 दुकानों से मंथली इकट्ठा करता था। डा. पूनिया ने लिखा कि काला बाजार है, यहां पैसा बोलता है।

19 अगस्त से सस्पेंड है, लेकिन नहीं की हेड आफिस में रिपोर्ट

सुरेश चौधरी को 19 अगस्त को सस्पेंड किया गया था। लेकिन उसके मुख्यालय में रिपोर्ट करने के बावजूद उसे टर्मिनेट नहीं किया गया। उसके नाम से पैसे इकट्ठे करने वाला उसके चपरासी को जरूर टर्मिनेट कर दिया गया है।

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