भाजपा जिलाध्यक्ष व पार्षदों के परिचित की दुकानों को रास्ता दिलाने के लिए ग्रीन बेल्ट पर सड़क के नाम पर करवाया जा रहा कब्जा

जिदल चौक स्थित ग्रीन बेल्ट पर दुकानदारों को रास्ता देने के लिए 12 पार्षदों ने किए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:07 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:07 AM (IST)
भाजपा जिलाध्यक्ष व पार्षदों के परिचित की दुकानों को रास्ता दिलाने के लिए ग्रीन बेल्ट पर सड़क के नाम पर करवाया जा रहा कब्जा
भाजपा जिलाध्यक्ष व पार्षदों के परिचित की दुकानों को रास्ता दिलाने के लिए ग्रीन बेल्ट पर सड़क के नाम पर करवाया जा रहा कब्जा

- जिदल चौक स्थित ग्रीन बेल्ट पर दुकानदारों को रास्ता देने के लिए 12 पार्षदों ने किए सहमति पत्र पर किए हस्ताक्षर, विजिलेंस में पहुंचा मामला

पवन सिरोवा, हिसार

कोविड-19 में ऑक्सीजन की किल्लत ने कई लोगों से उनके अपने छिन लिया। दुनिया को ऑक्सीजन का महत्व समझा दिया। ऑक्सीजन किल्लत दूर हो इसी कड़ी में हिसार में भी लोगों ने ऑक्सीजन अधिक देने वाले पौधे लगाए, लेकिन हिसार में अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधि हरियाली बढ़ाने और बचाने के प्रति कितने तत्पर और सजग है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिदल चौक स्थित ग्रीन बेल्ट पर कब्जे करवाने के लिए यहीं भू-माफिया बन गए है। सिटी हार्ट लाइन दिल्ली रोड के साथ लगती इस ग्रीन बेल्ट में से भाजपा के जिलाध्यक्ष के स्वजन से लेकर पार्षद अपने चंद परिचितों रइस को लाभ पहुंचाने के लिए ग्रीन बेल्ट में से रास्ते देने के लिए काम कर रहे है। इस कार्य ने जनप्रतिनिधियों का कथनी और करनी का सच तो जनता के सामने ला दिया है। वहीं अब यह मामला विजिलेंस से लेकर सीएम तक पहुंच गया है। इस मामले में सीएम ओर से जारी विजिलेंस के नंबर पर निजी संस्था अध्यक्ष अनिल महला ने शिकायत करने की बात कहीं है। समझें खेल : कैसे नेता से लेकर पार्षद तक के निशाने पर आई ग्रीन बेल्ट की जमीन

मॉडल टाउन में साल 1970 में 9.50 एकड़ में रिहायशी कॉलोनी कटी। मॉडल टाउन के साथ सिटी की हार्ट लाइन यानि दिल्ली रोड लगता है। सड़क और मॉडल टाउन के बीच में ग्रीन बेल्ट है। मॉडल टाउन में जिन लोगों के घर के पीछे का हिस्सा इन ग्रीन बेल्ट से लगता है। इन भवन मालिकों ने अपने ग्रीन बेल्ट की तरफ दुकानें बना डाली। जो अवैध बनी। पहले इन अवैध दुकानों और शोरुमों को रास्ता दिया गया। अब ग्रीन बेल्ट से रास्ता देकर इन्हें सीधे दिल्ली रोड से मिलाया जा रहा है। रास्ता बनते ही इन 8-10 लोगों की दुकानों की कीमत कई गुणा बढ़ जाएगी यानि करोड़ों रुपये में कीमत होगी। इन चंद लोगों को लाभ देने के लिए अब निगम प्रशासन हरियाली की जमीन पर सड़क के नाम पर कब्जा करवाने के लिए तैयारी कर रहा है। 12 पार्षदों ने रास्ते की मांग को सही ठहराते हुए पत्र पर किए साइन, कमिश्नर से की बातचीत

मॉडल टाउन निवासी कमिश्नर से रास्ते की मांग की। पार्षदों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कमिश्नर ने उन्हें जनप्रतिनिधियों से सहमति पत्र पर साइन के लिए कहा था तो हमने अपनी सहमति दे दी है। इसके लिए हमने मांगपत्र पर अपने साइन भी किए है। यानि इस चंद लोगों ने पार्षदों से सेटिग कर डाली। अभी तक क्यों नहीं बनी सुरक्षा दीवार

शहर के मध्य लंबे अर्से से इस ग्रीन बेल्ट की भूमि निगम प्रशासन के अंतर्गत होने के बावजूद निगम की ओर से इस बेशकीमती ग्रीन बेल्ट को संरक्षित करने के लिए सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं करना सीधे तौर पर निगम अफसरों की मिलीभगत का संकेत देता है। सूत्रों की माने तो कोर्ट तक ने ग्रीन बेल्ट बचाने के पक्ष में आदेश भी दिए थे लेकिन उन आदेश की पालना कितनी होती है यह तो जगजाहिर है। वर्जन

मेरे पास कुछ लोगों ने ग्रीन बेल्ट में से रास्ते के लिए मांग की थी। लोगों के मांग के चलते मैंने निगम कमिश्नर से नियम के तहत जो बनाता है उसी के अनुसार कार्य करने के लिए आग्रह किया है।

- कैप्टन भूपेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष, भाजपा।

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वर्जन

हमारे पास मॉडल टाउन निवासी आए थे। दुकानदारों ने रास्ते की कई पार्षदों से मांगा है। मैं जनप्रतिनिधि हूं। कई पार्षदों ने भी जनता की मांग को सहमर्थन दिया है। कमिश्नर ने भी मौका देखा है। मैं तो यहीं कहूंगी कि नियम में लोगों को रास्ता मिल सकता है तो दिया जाए।

- अमिता सिंह, पार्षद, वार्ड-13

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वर्जन

लोगों द्वारा निगम से रास्ते की मांग अवश्य की गई है, लेकिन इस संबंध में हमने कोई फैसला नहीं लिया है। फिलहाल ग्रीन बेल्ट के निर्माण का कार्य किया जा रहा है।

- अशोक कुमार गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।

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