कागजों में सिमटकर रह गया सरकार का 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान

जागरण संवाददाता, हिसार : महात्मा गांधी की जयंती पर सरकार ने 'स्वच्छता ही सेवा' के नाम से म

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 09:34 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 09:34 AM (IST)
कागजों में सिमटकर रह गया सरकार का 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान
कागजों में सिमटकर रह गया सरकार का 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान

जागरण संवाददाता, हिसार : महात्मा गांधी की जयंती पर सरकार ने 'स्वच्छता ही सेवा' के नाम से मनाने का निर्णय लिया है। इसी के आधार पर 12 सितंबर को शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से सभी निकायों को 16 दिवसीय विशेष अभियान चलाने के आदेश जारी किए गए थे। प्लास्टिक को ध्यान में रखकर साल 2019 का टारगेट सरकार ने बनाया है। सरकार के इन आदेशों को जारी हुए 11 दिन का वक्त गुजर गया है, मगर स्वच्छता ही सेवा अभियान को लेकर निकाय विभागों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। जिलेभर में यह अभियान कागजों से बाहर नहीं आ पाया। नगर निगम अधिकारियों की ओर से मात्र दो होर्डिंग शहर के मुख्य चौराहों पर लगाकर अभियान को लेकर खानापूर्ति कर दी है। सही मायने में केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान को अधिकारियों ने कागजों में ही दफन कर दिया है। 11 दिनों से कोई कदम इस अभियान के अनुरूप नहीं उठाया गया है। ..

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यह है सरकार का प्लान

15 सितंबर से 21 सितंबर तक : श्रमदान

16 सितंबर - स्कूलों में स्वच्छता रैली, पें¨टग प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, ड्रामा, नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रम करवाए जाने थे। एनजीओ, आरडब्ल्यूए और कारपोरेट के साथ मिलकर स्वच्छता रैली आदि निकालनी थी। 17 सितंबर से 23 सितंबर : पौधरोपण गतिविधि, वॉल पे¨टग, होर्डिग्स स्वच्छता मैसेज के साथ, लोगों को जूट व कपड़े के बैग, स्टीकर व अन्य चीजों से जागरूक करना।

क्लीन एंड ग्रीन नेबरहुड : आरडब्ल्यूए और कॉलोनियों की वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर रिहायशी कॉलोनियों के आस पास सफाई अभियान चलाना था और जागरूकता लगानी थी। साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए पौधरोपण करना था। इसके अलावा आरडब्ल्यूए के साथ बैठक कर डा. आंबेडकर माडल के आधार पर वेस्ट मैनेजमेंट के बारे में जानकारी देना था। वहीं रेलवे को 22 से 24 तक स्वच्छता एक्टिविटी करनी थी।

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24 सितंबर और 27 सितंबर - श्रमदान, स्वच्छता कैंपेन कॉमर्शियल एरिया में चलाया जाना है। दुकानदारों और व्यापारियों को स्वच्छता को लेकर आगे लाना है। बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित करना है।

बस स्टैंड, पुलों , पार्क आदि को साफ करना है। ऐतिहासिक जगहों, पानी की टंकियों आदि को एनजीओ आदि के माध्यम से साफ करवाना। एलइडी आधारित वैन के माध्यम से हलका फीचर फिल्म को दिखाया जाना है। यह फिल्म स्लम बच्चे की फैमिली पर आधारित है। पौधरोपण अभियान और फैक्ट्रियों में स्वच्छता कैंपेन चलाया जाना है।

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29 सितंबर ::

अस्पताल, पब्लिक हेल्थ सेक्टर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर। हैंडलूम, इंडस्ट्रीज, बैंक आदि में स्वच्छता व श्रमदान अभियान चलाया जाना है।

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यह है श्रमदान का अर्थ शहर में नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों, एनजीओ, आरडब्ल्यूए, कालोनियों की वेलफेयर एसोसिएशन को साथ लेकर सार्वजनिक जगह, पर्यटन केंद्र, ऐतिहासिक जगह, मार्केट, बस स्टैंड सहित अन्य जगहों पर श्रमदान करना था। सभी को साथ लेकर सफाई अभियान चलाना था और लोगों को जागरूक करना है। ..

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यहां भी दिखाई बेरुखी ग्रामीण इलाकों में मोबाइल मैसेज के माध्यम से प्रत्येक गांव में 100 लोगों को जागरूक करना था। गांवों में श्रमदान अभियान चलाया जाना है। इस अभियान को लेकर पूरी तरह से जिला प्रशासन भी बेरुखी बनाए हुए है।

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