प्रशासक ने एक्सईएन को पत्र लिखा, कहा- जब 1998 में मैं ईओ था तब भी ये हालात थे आज भी वैसे ही हालत
अर्बन एस्टेट की हालत देखकर एचएसवीपी के प्रशासक की अपने ही विभाग के अधिकारियों को नसीहत।
- अर्बन एस्टेट की हालत देखकर एचएसवीपी के प्रशासक की अपने ही विभाग के अधिकारियों को नसीहत - नगर निगम और एचएसवीपी एक दूसरे पर डालते हैं पानी निकासी के लिए जिम्मेदारी
जागरण संवाददाता, हिसार : तीन दिनों में 131 एमएम बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी। कालोनियां तो पानी में डूबी ही साथ ही सेक्टरों में भी बुरा हाल हो गया। सबसे बुरा हाल पुराने बसे अर्बन एस्टेट का है यहां पानी निकासी के दावों ही हवा निकल गई और बारिश की पानी करोड़ों की बनी कोठियों में घुस गया। इसकी जानकारी एचएसवीपी के प्रशासक को मिली तो उन्होंने तुरंत दोनों एक्सईएनों को पत्र लिखकर कहा कि वह 1998 में जब हुडा में ईओ थे तब भी अर्बन एस्टेट में ऐसे ही हालात थे और 23 साल बाद भी यही हालात हैं। इतने लंबे अंतराल तक लोग अव्यवस्था का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने पत्र जारी कर दोनों एक्सईएनों को ग्राउंड पर जाकर सर्वे कर पानी निकासी का स्थायी प्रबंध करने का करें। प्रशासक ने पत्र में लिखा है कि बारिश के कारण सेक्टरों में पानी की निकासी एक गंभीर समस्या है और ड्रेनेज और सीवरेज जाम पड़े हैं। सभी को पता है कि हर बार मानसून आता है और जलभराव की समस्या होती है मगर फिर भी इस पर कोई पिछले कई वर्षेों से नहीं हुआ है। प्रशासक ने एक्सईन को आदेश दिया है कि वह फिल्ड में जाएं और एस्टीमेंट तैयार करें ताकि लोगों का जीवन ना प्रभावित हो। वहीं एचएसवीपी के एक्सईएन पवन कुमार का कहना है कि प्रशासक का पत्र मिला है। शायद उनको मालूम नहीं है कि अब एचएसवीपी के ड्रेनेज वाटर नगर निगम के पास चले गए हैं फिर भी वे सोमवार को पत्र का जवाब दे देंगे। एचएसवीपी और नगर निगम एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी हिसार शहर के सेक्टर दो विभागों के बीच फंस कर बदहाल हो रहे हैं। मानसून की बरसात में सेक्टर के खाली प्लाट और सड़कों पर सीवरेज का पानी बह रहा है। खाली प्लाट में सीवरेज और बरसाती पानी को निकालने के लिए कोई विभाग तैयार नहीं है। नगर निगम के पास बरसाती पानी निकालने का कोई प्रावधान नहीं है। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का जवाब होता है कि सेक्टर उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और हरियाणा शहर विकास प्राधिकरण के एक्सईएन से बात की तो वह कह रहे हैं कि वाटर ड्रेनेज नगर निगम के पास हैं। सीवरेज का पानी निकालने के लिए बजट पास करने की पावर उनके पास नहीं है। बारिश के बाद अब भी पार्कों, गलियों और प्लाटों में पानी खड़ा है मगर इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। पार्षद ग्रोवर बोले- समस्या का हल नहीं तो घेरेंगे एचएसवीपी कार्यालय पार्षद ग्रोवर ने कहा कि खाली प्लाट में एकत्रित हुआ पानी मकानों की नींव में जा रहा है। सीवरेज का पानी खुले में बदबू मार रहा है। शहर के हालात खराब हो चुके है। पार्षद ग्रोवर ने सभी विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके उनसे इस समस्या का समाधान न करने पर जवाब मांगा। उन्होंने एचएसवीपी के अधिकारियों से बात करके कहा कि जब आप प्लाट होल्डर से एक्सटेंशन फीस लेते हैं तो विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि खाली प्लाट साफ करवाएं और वहां एकत्रित पानी निकाला जाए। इस पर एक्सईएन ने कहा कि उनके पास अब कोई पावर नहीं है। इन समस्याओं के लिए जो बजट जारी करने की पावर अब मुख्य प्रशासक के पास है। पार्षद ने कहा कि यहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि मुख्य प्रशासक को इन गम्भीर हालात से अवगत करवाना। पार्षद ने कहा अगर रविवार को तक सेक्टरों के खाली प्लाट से पानी नहीं निकाला गया तो सोमवार को 11 बजे शहर के लोगों के साथ एचएसवीपी आफिस में एकत्रित होंगे और अधिकारियों का घेराव करेंगे। ऐसे समझिए हालात - सेक्टर 9-11 में 837 नंबर मकान की नींव में पानी जा रहा है। यहां चार फीट तक पानी जमा है। - सेक्टर 16-17 में मकान नंबर 1515 के साथ कई फुट पानी जमा है। इसके अलावा बहुत प्लाट गंदगी से भरे हैं। इसमें सीवरेज का भी पानी मिक्स है। - मेला ग्राउंड सेक्टर में भी हालात बदतर बने हुए हैं। सेक्टरों के मेन होल टूट चुके हैं, सेक्टरों में 8 इंच की सीवरेज लाइन डाली जाती है जबकि सभी कॉलोनियों में 12 इंची सीवरेज लाइन होती है। इस पाइप लाइन में सुपर सक्कर मशीन व अन्य मशीन से सफाई होना भी संभव नही है। यहां के अधिकारियों को शहर की सीवरेज व जलभराव की समस्या को लेकर कोई अनुभव नहीं है। - सेक्टर 14, सेक्टर 1-4, अर्बन एस्टेट, सेक्टर 16-17, सेक्टर 9-11, सेक्टर 5 में पार्कों में भरा है। इसके अलावा कालोनियों में भी अब तक पानी भरा है। मेयर को भी दे दिया जवाब अधिकारी आम जनता ही नहीं मेयर तक की सुनवाई नहीं करते। मेयर ने महावीर कालोनी के एक पार्क में पानी निकासी के लिए एक्सईएन को फोन किया। मगर एक्सईएन ने कहा कि पार्कों से पानी निकालने का काम पब्लिक हेल्थ का नहीं है। यह काम नगर निगम का है। ऐसा ही सभी पार्षदों के साथ हो रहा है। अधिकारी एक दूसरे विभाग पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। मैंने अपने स्तर पर अधिकारियों से बात की है। कहीं कोई तालमेल की कमी नहीं है। पानी निकालने में विभागों ने अच्छा काम किया है। - डा. प्रियंका सोनी, डीसी, हिसार