आंधी और बारिश में बार-बार फटा टेंट तो आंदोलनकारी अब सभा स्थल पर बना रहे लाेहे का पक्का शैड

फट रहे तंबुओं के बाद भी आंदोलन स्थल पर किसानों का हौंसला स्थिर है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे इस आंदोलन को लंबा चलाने के लिए किसानों की ओर से अब पक्के टेंट भी बनाने शुरू कर दिया हैं। लाेहे के ये टेंट बनाए जा रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:58 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:58 AM (IST)
आंधी और बारिश में बार-बार फटा टेंट तो आंदोलनकारी अब सभा स्थल पर बना रहे लाेहे का पक्का शैड
आंदोलनकारियों ने दान के लिए यूनियन ने अकाउंट नंबर किया जारी, इंटरनेट मीडिया पर वीडियो डालकर मांगी जा रही मदद

बहादुरगढ़, जेएनएन। आंधी व बारिश में बार-बार उखड़ रहे टेंटों व फट रहे तंबुओं के बाद भी आंदोलन स्थल पर किसानों का हौंसला स्थिर है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे इस आंदोलन को लंबा चलाने के लिए किसानों की ओर से अब पक्के टेंट भी बनाने शुरू कर दिया हैं। लाेहे के ये टेंट बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा आंधी व बारिश में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की सभा स्थल पर बार-बार फटे कपड़े के टेंट से परेशान किसान नेताओं ने अब लोहे का पक्का टेंट बनाने का निर्णय लिया है।

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के प्रांतीय नेता रूप सिंह झोंपड़ी ने बताया कि लगभग सात महीनों से गुलाब कौर नगर की स्टेज चल रही है। इसका प्रबंध टेंट लगा कर किया हुआ था परंतु पिछले दो-ढाई महीनों से मौसम में तब्दीली होने के कारण बारिश, आंधी और तूफान के कारण तीन-चार बार स्टेज पर लगे टेंट का भारी नुक्सान हुआ।

एक बार तो एक शाम को कपड़े की नई सीलिंगें लगाई और उसी रात भारी बारिश, आंधी और तूफान के कारण वह एक दिन में ही फट गई। पाइप भी गिर गए, जिसके बाद हर रोज स्टेज से पहले सीलिंगें बांधनी पड़ती थीं और स्टेज खत्म होने पर खोलनी पड़ती थीं। ऐसे में स्टेज संचालन कर रहे किसानों को काफी परेशानियाें का सामना करना पड़ता था। इसी के चलते अब यूनियन की सूबा समिति की तरफ से पक्का शैड बनाने का फैसला किया गया और एक वीडियो डालकर दानवीरों से अपील की गई।

रूप सिंह ने बताया कि स्टेज के शैड पर करीब 15 लाख रुपये का खर्च आएगा। इस शैड का कुल क्षेत्रफल 10 हजार वर्ग फीट है।पक्का शैड बनाने का काम शुरू किया गया है। पंजाब से तैयार होकर यह शैड भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की स्टेज पर पहुंच गया है। शैड को लाने के लिए एक पूरी टीम पटियाला से पहुंची है जो दो-तीन दिनों में पूरी तरह तैयार कर देंगे। उसके बाद आंधी, बारिश व तूफान में किसी तरह की परेशानी किसानों को नहीं उठानी पड़ेगी। खराब मौसम में भी किसानों की सभा निरंतर जारी रह सकेगी।

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