Shame on Humanity: बहादुरगढ़ में किरायेदार की मौत, मकान मालिक बोले बच्चे डर जाएंगे, बाहर रखवाया शव

मध्यप्रदेश से बहादुरगढ़ आकर मजदूरी कर रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई। लीवर की बीमारी से पीजीआइ रोहतक में मौत होने के बाद स्वजन अंतिम संस्कार के लिए शव मकान पर ले आए। मगर मकान मालिक ने शव को अंदर ले जाने नहीं दिया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 10:46 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:46 AM (IST)
Shame on Humanity: बहादुरगढ़ में किरायेदार की मौत, मकान मालिक बोले बच्चे डर जाएंगे, बाहर रखवाया शव
इंसानियत की दुहाई देने के बाद भी नहीं पसीजा मकान मालिक का दिल, बाहर रखवा दिया किरायेदार का शव

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: शहर के नजफगढ़ रोड पर मध्यप्रदेश से यहां आकर मजदूरी कर रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई। लीवर की बीमारी से पीजीआइ रोहतक में मौत होने के बाद स्वजन अंतिम संस्कार के लिए शव मकान पर ले आए। मगर मकान मालिक ने शव को अंदर ले जाने नहीं दिया। किरायेदारों ने मकान मालिक के आगे इंसानियत की दुहाई दी। हाथ जोड़े। मगर मकान मालिक ने तर्क दिया कि मकान पर रह रहे बच्चे व पशु डर जाएंगे। आप शव को बाहर ही रखो। ऐसे में स्वजनों ने मकान के बाहर ही एक दुकान के छप्पर के नीचे शव को रखा। अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष सेवा समिति के प्रधान रिंकू चुघ से संपर्क किया। फिलहाल स्वजन अन्य रिश्तेदारों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनके आने पर शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला के गांव कुर्रा निवासी 41 वर्षीय ग्यासीराम अपनी पत्नी व चार बच्चों के साथ नजफगढ़ रोड स्थित मेगा मार्ट के पास एक मकान में किराये पर रहता था। वह यहां पर मेहनत मजदूरी करता था। ग्यासीराम के भाई छोटेलाल ने बताया कि करीब 10 दिन पूर्व उसे लीवर की बीमारी हुई। उसे पीजीआइ रोहतक में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार रात करीब 11 बजे उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। स्वजन वीरवार सुबह करीब छह बजे शव को मकान पर ले आए। मगर मकान की प्रथम मंजिल पर रह रहे मकान मालिक को जैसे ही पता चला तो उसने शव को मकान के अंदर लाने से मना कर दिया।

छोटेलाल ने बताया कि हमने मकान मालिक के आगे हाथ जोड़े, इंसानियत की दुहाई दी कि वह शव को उनके कमरे में ले जाने दे, ताकि वे अपनी अंतिम संस्कार से पहले ही सभी रस्म पूरी कर लें लेकिन मकान मालिक ने कहा कि शव को देखकर अन्य किरायेदार व उनके बच्चे और पशु डर जाएंगे। वह ऐसा बिल्कुल नहीं होने देगा। इस कारण स्वजनों ने ग्यासीराम के शव को मकान के बाहर ही सड़क किनारे दुकान के आगे जमीन पर रख दिया। वे शव के आसपास बैठ गए और अंतिम संस्कार की तैयारियां करने लगे। रिश्तेदारों को फोन पर सूचित किया गया। आसपास रह रहे रिश्तेदारों के आने बाद मोक्ष सेवा समिति के सदस्यों के साथ मिलकर शहर के रामबाग में शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मोक्ष सेवा समिति के प्रधान सुरेंद्र उर्फ रिंकू चुघ ने बताया कि मेरे पास ग्यासीराम के स्वजनों का फोन आया था। शव सड़क किनारे एक दुकान के छप्पर के नीचे रखा था। शव के अंतिम संस्कार में उनकी पूरी मदद की जाएगी।

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