एचएयू के एबिक सेंटर में बताएं आइडिया, मिलेंगे पांच से 25 लाख रुपये

एग्री बिजनेस इन्क्यूबिशन सेंटर में करें आवेदन अंतिम तिथि 30 सितंबर ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 05:48 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:48 AM (IST)
एचएयू के एबिक सेंटर में बताएं आइडिया, मिलेंगे पांच से 25 लाख रुपये
एचएयू के एबिक सेंटर में बताएं आइडिया, मिलेंगे पांच से 25 लाख रुपये

- एग्री बिजनेस इन्क्यूबिशन सेंटर में करें आवेदन, अंतिम तिथि 30 सितंबर

फोटो- 7

जागरण संवाददाता, हिसार : बेरोजगार युवा, छात्र, किसान या उद्यमी, अगर आपके पास कोई ऐसा नया आइडिया है जो लागू होते ही बाजार मे एक अच्छा बिजनेस खड़ा कर सकता है तो उसे मन में न रखिए। हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से विचार साझा करें और पांच से 25 लाख रुपये की ग्रांट ले जाएं। दरअसल एचएयू के एग्री बिजनेस इन्क्यूबिशन सेंटर (एबिक) से जुड़कर कृषि एवं संबंधित व्यवसाय में अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। इसके लिए अगर आपके पास कोई बिजनेस करने का नया तरीका या आइडिया होना चाहिए। इसके लिए कुलपति डा. बीआर कांबोज ने एबिक सेंटर में एक नई स्कीम लांच की है। इस स्कीम के तहत एबिक से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाले बन सकते है।

यहां करना है आवेदन

कुलपति प्रो कांबोज ने बताया कि चयनित एग्री स्टार्टअप्स को दो महीने के प्रशिक्षण के दौरान बिजनेस व तकनीकी व उद्यमी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। एबिक के माध्यम से स्टार्टअप भारत देश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिग, पैकजिग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। इसके लिए आपको एचएयू व एबिक की वेबसाइट www.द्धड्डह्व.ड्डष्.द्बठ्ठ ड्डठ्ठस्त्र www.ड्डढ्डद्बष्द्धड्डह्वद्धद्बह्यड्डह्म.ष्श्रद्व पर जाकर आनलाइन आवेदन करना है। आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2021 निर्धारित की गई है।

आवेदन से पहले इन बातों का रखना होगा ध्यान

आवेदन की प्रक्रिया निश्शुल्क होगी। आवेदन करने वाला प्रदेश या फिर निकटवर्ती राज्य का होना जरूरी है, जो हरियाणा में आकर अपना व्यवसाय स्थापित करने का इच्छूक हो। इसके अलावा आवेदन करने वाले का मुख्य आइडिया एग्री बायोटेक, बागवानी, जैविक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सूक्ष्म सिचाई विषयों पर आधारित होना चाहिए।

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